नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में कुछ साल पहले हुई गड़बड़ियों के मामले में सीबीआई (CBI) ने आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई के अधिकारियों ने शुक्रवार की सुबह इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कई गड़बड़ियों का पता चला है.
सीबीआई ने आनंद को चेन्नई से गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने बताया कि यह गिरफ्तारी एनएसई को-लोकेशन स्कैम को लेकर हुई है. एनएसई पर कुछ साल पहले हुए इस घोटाले में यह अभी तक की पहली गिरफ्तारी है. बताया जा रहा है कि आनंद सुब्रमण्यम को उसके चेन्नई वाले घर से गुरुवार की रात को गिरफ्तार किया गया. उसे दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय ले जाने की तैयारी है, जिसके बाद हिरासत के लिए उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा.
को-लोकेशन स्कैम में हो रही जांच
एनएसई को-लोकेशन स्कैम में सीबीआई आनंद सुब्रमण्यम से भी पूछताछ कर रही थी. बताया जा रहा है कि वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहा था. सीबीआई अज्ञात योगी और चित्रा के बीच ईमल पर हुई बातचीत के बारे में अधिक जानकारी चाह रही थी, लेकिन आनंद सही से इस बारे में नहीं बता रहा था.
यह मामला सामने आने के बाद एनएसई समेत कई एक्सपर्ट का मानना है कि अज्ञात योगी कोई और नहीं बल्कि आनंद ही है. एनएसई ने सेबी को दिए सबमिशन में कहा था कि आनंद ही असल में योगी है और वह फेक आइडेंटिटी क्रिएट कर चित्रा का फायदा उठा रहा था. हालांकि सेबी ने एनएसई की इस बात को नहीं माना था.
ऐसे हुआ को-लोकेशन स्कैम
एनएसई को-लोकेशन स्कैम में कुछ चुनिंदा ब्रोकर्स को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया था. इसकी जांच में सामने आया था कि ओपीजी सिक्योरिटीज नामक ब्रोकरेज फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए उसे को-लोकेशन फैसिलिटीज का एक्सेस दिया गया था. इस फैसिलिटी में मौजूद ब्रोकर्स को बाकियों की तुलना में कुछ समय पहले ही सारा डेटा मिल जाता है. सीबीआई का मानना है कि इस तरह एनएसई पर करोड़ों के वारे-न्यारे किए गए. यह स्कैम उसी समय शुरू हुआ था, जब चित्रा नंबर दो की हैसियत से प्रमोट होकर नंबर वन बनने के बेहद करीब थी. चित्रा के सीईओ बनने के बाद भी यह स्कैम चलता रहा था और तब आनंद उसका सबसे करीबी सहयोगी बन चुका था. सीबीआई इस मामले में उस अज्ञात योगी का कनेक्शन तलाश रही है, जिसके इशारे पर चित्रा एनएसई के सारे फैसले ले रही थी.
सेबी के आदेश से मिली ये जानकारी
सेबी के एक हालिया आदेश के बाद इस पूरे मामले की जानकारी खुलकर सामने आई. सेबी के आदेश के अनुसार, 2013 में एनएसई की तत्कालीन सीईओ एंड एमडी चित्रा रामकृष्णा ने आनंद सुब्रमण्यम को चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर (COO) के पद पर हायर किया. आनंद सुब्रमण्यम एनएसई में आने से पहले 15 लाख रुपये की नौकरी कर रहा था. एनएसई में उसे 9 गुना से भी ज्यादा बढ़ाकर 1.38 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया. इसके बाद उसे लगातार प्रमोशन मिला और वह कुछ ही समय में ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) बन गया था.