प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) को गिरफ्तार कर लिया. उनकी गिरफ्तार मनी लॉन्ड्रिंग और अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने के आरोप में की गई है. अदालत ने मलिक को 3 मार्च तक ED की हिरासत में भेज दिया है. ED ने कोर्ट को बताया कि नवाब मलिक टेरर फंडिंग में ‘सक्रिय’ थे.
हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने दाऊद इब्राहिम और उसकी करीबियों पर FIR दर्ज की थी. इसी मामले में ED ने भी मामला दर्ज किया है. NIA ने अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेन्शन एक्ट (UAPA) के तहत केस दर्ज किया है.
नवाब मलिक की हिरासत क्यों?
– ED ने नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड से संबंध और टेरर फंडिंग का आरोप लगाया है. ED ने अदालत में कहा कि मुंबई बम धमाकों के दोषियों और मलिक के बीच कई प्रॉपर्टी डील्स हुई थीं और इसलिए उनसे पूछताछ की जानी जरूरी है. एजेंसी ने कहा कि उनसे पूछताछ में कई अहम खुलासे हो सकते हैं. ED ने कोर्ट को बताया कि मलिक ने जमीन पर अवैध कब्जा दिलाने के बदले में डी-गैंग के सदस्यों को फंडिंग की.
दाऊद, हसीना पारकर… डी-गैंग के सदस्यों का जिक्र
– ED ने मलिक की हिरासत मांगते हुए अदालत में दाऊद इब्राहिम, हसीना पारकर, छोटा शकील, सलीम फ्रूट जैसे डी-गैंग के कई अहम सदस्यों का जिक्र किया.
– ED ने बताया कि दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील (Chhota Shakeel) के गुर्गों से जुड़ी 9 जगहों पर तलाशी ली गई है, जहां से कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है. प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत पूछताछ भी की गई है, जिसमें अहम बातें सामने आई हैं.
– ED के मुताबिक, सलीम फ्रूट (Salim Fruit) ने पूछताछ में बताया कि वो छोटा शकील का साला है. शकील अपने गुर्गों के जरिए एक्सटॉर्शन रैकेट चलाता है. छोटा शकील पाकिस्तान से दाऊद इब्राहिम के लिए काम करता है. उसने ये भी बताया कि वो पाकिस्तान में छोटा शकील के घर 34 बार गया है. सलीम फ्रूट को 2006 में यूएई से भारत डिपोर्ट गया था और 2010 से जेल में बंद है.
– एजेंसी के मुताबिक, सलीम फ्रूट के अलावा दाऊद इब्राहिम के साले सऊद युसुफ तुंगेकर (Saud Yusuf Tungekar), दाऊद के छोटे भाई इकबाल कासकर (Iqbal Kaskar) के साथी खालिद उस्मान शेख और दाऊद की दिवंगत बहन हसीना पारकर (Haseena Parkar) के बेटे आलीशान पारकर का बयान भी दर्ज किया गया है.
– कोर्ट को बताया कि सलीम फ्रूट उर्फ सलीम पटेल हसीना का ड्राइवर था जो उसके बदले एक्सटॉर्शन रैकेट चलाता था. ये दाऊद इब्राहिम के नाम पर संपत्तियों पर कब्जा करते थे और रंगदारी मांगते थे.
– आलीशान ने ED को बताया कि सलीम एक ऑफिस में बैठता था और वहां से गोवा वाला कंपाउंड के मामले संभालता था. उसने बताया कि बाद में उसकी मां हसीना पारकर ने अपनी कुछ प्रॉपर्टी नवाब मलिक को बेच दी. हालांकि, उसने ये भी बताया कि इसके बदले मलिक ने उसकी मां और सलीम को कितना पैसा दिया, इसकी जानकारी नहीं है.
कैसे चल रहा था संपत्तियां कब्जाने का खेल?
– संपत्ति कब्जाने के मामले में मुनीरा प्लंबर नाम की महिला ने ED को अपना बयान दर्ज करवाया है. उसने बताया कि उसने मुंबई के कुर्ला इलाके में स्थित गोवा वाला कंपाउंड में 6 एकड़ का एक प्लॉट खरीदा था. उसने बताया कि ये उसकी पैतृक संपत्ति थी, जिसका बंटवारा इस्लामिक कानून के तहत उसकी मां और उसके बीच हुआ था.
– मुनीरा ने बताया कि 2015 में उसकी मां के मौत के बाद पूरी प्रॉपर्टी उसके नाम हो गया. उसने बताया कि सलीम फ्रूट उसका किरायेदार था और उसे पता भी नहीं चला कि उसकी संपत्ति कब नवाब मलिक की कंपनी के नाम कर दी गई. उसने बताया कि उसने कभी मलिक से मुलाकात भी नहीं की है. मुनीरा ने बताया कि सलीम उसके पास खुद को सोशल वर्कर बताकर आया था और उसने कहा था कि वो जमीन से जुड़े सारे विवाद सुलझा देगा.
– मुनीरा ने बताया कि उसने सलीम को पावर ऑफ अटॉर्नी दी थी, लेकिन इसमें संपत्ति बेचने की बात नहीं थी. उसने बताया कि उसे मीडिया से पता चला कि उसकी प्रॉपर्टी नवाब मलिक को बेच दी गई. उसने ये भी कहा कि मलिक ने दावा किया था कि वो अपनी प्रॉपर्टी बेचने के लिए उसके पास गई थी लेकिन वो कभी नहीं गई थी. उसने ये भी बताया कि उसे इस बात की भनक नहीं थी कि उसकी प्रॉपर्टी गैरकानूनी तरीके से बेच दी जाएगी.
– ED के मुताबिक, मुनारी प्लंबर ने उस शिकायत की कॉपी भी जमा कराई है जो उसने 12 सितंबर 1989 को दर्ज कराई थी. इस शिकायत में मुनीरा ने नवाब मलिक पर जमीन पर कब्जे के लिए धमकाने का आरोप लगाया था.
बम ब्लास्ट के दोषी ने भी किया मलिक का जिक्र
जांच में 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी सरदार शाह वली खान का नाम भी सामने आया है. खान अभी औरंगाबाद जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. ED ने उसका बयान भी दर्ज किया है. ED के मुताबिक, खान ने बताया है कि वो जावेद चिकना के जरिए हसीना पारकर और टाइगर मेमन के संपर्क में आया था. खान ने ये भी बताया है कि कुर्ला की उस प्रॉपर्टी पर नवाब मलिक की दिलचस्पी थी और वो कैसे उस प्रॉपर्टी को कब्जाने के लिए धमकाते थे.