रूस ने यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है जिसका पता हालिया सैटेलाइट तस्वीरों से चल रहा है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र क्षेत्र की मान्यता दे दी है और अपने सैनिकों को इन क्षेत्रों में जाने की भी अनुमति दी है. पुतिन के हालिया कदम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जहां एक तरफ कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं, वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका के ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पुतिन के इस फैसले की सराहना करते नहीं थक रहे हैं. वो पुतिन को जीनियस और शांतिदूत बता रहे हैं.
‘पुतिन हैं शांतिदूत, रूस से सीखे अमेरिका’
उन्होंने आगे कहा, ‘तो पुतिन अब कह रहे हैं यूक्रेन का एक बड़ा क्षेत्र अब स्वतंत्र है. मैं कहता हूं कितना स्मार्ट कदम है ये? और वो अंदर जाकर शांतिदूत बनने जा रहा है. वो सबसे मजबूत शांति के दूत हैं. हम इसका इस्तेमाल अपनी दक्षिणी सीमा पर कर सकते हैं.’
पुतिन की तारीफ करते हुए ट्रंप ने उन्हें स्मार्ट कहा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस मसले को बाइडन ने ठीक से संभाला होता तो ये स्थिति नहीं होती. उन्होंने कहा कि अगर मैं सत्ता में होता तो पुतिन ये नहीं करते.
ट्रंप ने कहा, ‘मैं व्लादिमीर पुतिन को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं. अगर मेरी सरकार होती तो वो कभी ऐसा नहीं करते जो वो अभी कर रहे हैं…..कभी नहीं.’
ट्रंप ने पहली बार दी है प्रतिक्रिया
रूस-यूक्रेन तनाव पिछले कई महीनों से चल रहा है जिस पर अमेरिका लगातार नजर बनाए हुए है. लेकिन इतने दिनों से ट्रंप ने यूक्रेन के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी. पहली बार उन्होंने तनाव को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है और पुतिन की प्रशंसा की है. ट्रंप पूर्व में भी पुतिन को लेकर अपना नरम रूख दिखाते रहे हैं.
वहीं, व्हाइट हाउस के पूर्व रूस सलाहकार और ट्रंप के वरिष्ठ सहयोगी रहे फियोना हिल ने रविवार को सीएनएन से बातचीत में कहा कि ट्रंप की विदेश नीति ने पुतिन का हौसला बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति राष्ट्रीय हित के बजाय व्यक्तिगत चिंताओं को प्राथमिकता देते थे.
ट्रंप के सबसे वरिष्ठ सहयोगियों में से एक हिल ने कहा, ‘ट्रंप के लिए कोई टीम अमेरिका नहीं है. एक बार भी मैंने उन्हें अमेरिका को पहले स्थान पर रखते हुए नहीं देखा… एक बार भी नहीं… एक सेकंड के लिए भी नहीं.’