महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब सुपर मार्केट और किराना की दुकानों में भी वाइन (Wine) मिलेगी। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली सरकार के इस फैसले की तीखी आलोचना भी हो रही है। लेकिन शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने इसके बचाव में अजीबोगरीब तर्क दिया है। उनका कहना है कि वाइन, शराब (liquor) नहीं है और इसकी बिक्री बढ़ने से किसानों को फायदा होगा।
संजय राउत ने समाचार एजेंसी ANI से कहा सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “वाइन, शराब नहीं है। अगर वाइन की बिक्री बढ़ती है तो इसका फायदा किसानों को मिलेगा। हमने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए ऐसा किया है।”
Wine is not liquor. If wine sale increases,farmers will get benefit from it.We've done this to double farmers' income.BJP only opposes but does nothing for farmers: Shiv Sena leader Sanjay Raut on govt's decision to allow sale of wine in supermarkets&walk-in stores in Maharashtra pic.twitter.com/zdCXgOStfl
— ANI (@ANI) January 28, 2022
राउत का यह बयान भाजपा द्वारा शिवसेना सरकार के फैसले के विरोध के बाद आया है। उन्होंने आगे कहा, “भाजपा केवल विरोध करती है, लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं करती।”
सुपर मार्केटमधून वाईन विक्रीच्या निर्णयाला विरोध करणारे शेतकऱ्यांचे शत्रू. राज्य सरकारचा निर्णय शेतकऱ्यांच्या हिताचा. या निर्णयामुळे शेतकऱ्यांचे उत्पन्न वाढेल- शिवसेना खासदार संजय राऊत https://t.co/CbvSFUBywh pic.twitter.com/y5pb9P3CxG
— Lokmat (@lokmat) January 28, 2022
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ने उद्धव सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य को ‘मद्य-राष्ट्र (शराब राज्य)’ बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने ट्वीट किया कि अब सुपरमार्केट/किराना दुकानों से शराब की बिक्री! हम महाराष्ट्र को ‘मद्य’ राष्ट्र नहीं बनने देंगे। फडणवीस ने कहा कि ये बड़े ही आश्चर्य की बात है कि कोरोना को रोकने के लिए स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ मंदिरों जैसे धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया है, लेकिन शराब की दुकानों को खुला रहने दिया था।
उद्धव सरकार का फैसला
अन्ना हजारे के सवाल
कोरोना का हवाला देकर महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में स्कूल, मंदिरों को बंद कर रखा है। समाजसेवी अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने पिछले साल भी सरकार के आदेशों पर सवाल उठाया था। उन्होंने एक बयान में कहा कि शराब की दुकानों में लंबी लाइनें राज्य सरकार को ठीक लगती हैं, लेकिन मदिरों को खोलना उसे सही नहीं लगता।