नई दिल्ली। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू द्वारा सीबीआई को लेकर जारी किए गए आदेश पर आश्चर्य जाहिर किया. परमेश्वर ने कहा कि मुझे नहीं पता, ऐसा क्या हुआ कि आंध्र प्रदेश सरकार ने यह बताना पड़ा कि सीबीआई को अब आधिकारिक काम के लिए राज्य में प्रवेश करने से पहले पूर्व अनुमति लेनी होगी. हमने ऐसा और इस तरह का कुछ भी अनुभव नहीं किया, इसलिए ऐसी सूचना जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है. बता दें कि सीएम नायडू ने एक सरकारी आदेश जारी कर केंद्रीय जांच ब्यूरो को आंध्र प्रदेश में कानून के तहत शक्तियों के इस्तेमाल के लिए दी गई ‘सामान्य रजामंदी’ वापस ले ली है.
आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल ने भी लगाई सीबीआई पर रोक
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी सीबीआई को पश्चिम बंगाल में छापे मारने तथा जांच करने के लिए दी गयी ‘सामान्य रजामंदी’ वापस ले ली. वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के कारण राज्यों का उन पर से विश्वास कम हो रहा है. हालांकि, बीजेपी ने इसे ‘भ्रष्ट दलों द्वारा अपने हितों के बचाव के लिए अधिकारों की स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण कवायद’ करार दिया. सीबीआई को अब इन राज्यों में अदालती आदेश वाले मामलों तथा केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामलों को छोड़कर शेष सभी में किसी तरह की जांच के लिए संबंधित राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी.
एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप- आंध्र सरकार
आंध्र प्रदेश सरकार के इस फैसले पर उपमुख्यमंत्री (गृह) एनचिना राजप्पा ने कहा था कि सहमति वापसी लेने की वजह देश की प्रमुख जांच एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोप हैं. ताजा सरकारी आदेश (जीओ) के अनुसार, ”दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 की धारा छह के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, सरकार दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सभी सदस्यों को आंध प्रदेश राज्य में इस कानून के तहत शक्तियों तथा क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल हेतु दी गई सामान्य रजामंदी वापस लेती है.” प्रधान सचिव (गृह) एआर अनुराधा द्वारा आठ नवंबर को इस संबंध में जारी एक ‘गोपनीय’ सरकारी आदेश गुरुवार की रात ”लीक” हो गया.
हमें सीबीआई पर भरोसा है- आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री
राजप्पा ने सचिवालय में कहा, ”हमें सीबीआई में भरोसा है लेकिन इसके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ हाल में लगे आरोपों के कारण हमने सामान्य रजामंदी वापस ले ली. यानी सीबीआई को हर मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति हासिल करनी होगी.” उप मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वकीलों और जानकारों की सलाह पर फैसला लिया गया है. इसके बाद ही शुक्रवार शाम को पश्चिम बंगाल सरकार ने भी सीबीआई को अपने राज्य में छापे मारने और जांच करने के लिए दी गयी सामान्य रजामंदी वापस ले ली.
राजनीतिक हितों के लिए हो रहा है सीबीआई का प्रयोग- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, ”चंद्रबाबू नायडू ने बिल्कुल सही किया है. भाजपा अपने राजनीतिक हितों के लिए सीबीआई और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.” बीजेपी ने नायडू सरकार के फैसले को भ्रष्टाचार, वित्तीय गड़बड़ियों तथा अन्य आपराधिक कृत्यों को बचाने की दुर्भावनापूर्ण कवायद कहा. बीजेपी के राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिंहा राव ने एक बयान में कहा, ”राज्य सरकार ने सीबीआई में हालिया घटनाक्रम का हवाला कमजोर बहाने के तौर पर किया है और उसकी मंशा भ्रष्टों को बचाने एवं भ्रष्टाचार तथा आपराधिक कृत्यों में शामिल लोगों और संगठनों को राजनीतिक संरक्षण देने की है.”