लखनऊ। उत्तर प्रदेश चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Polls) से पहले दल-बदल करते हुए भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) बुरे फँस गए हैं। उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि जितना रोजगार (Jobs) पिछली सरकारों ने बीते 10 साल में नहीं दिया, उतना रोजगार योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) की सरकार ने केवल पाँच साल में दिया है। उन्होंने बताया कि योगी सरकार के पाँच साल के कार्यकाल में श्रम मंत्री के रूप में निजी क्षेत्र में उन्होंने पाँच लाख लोगों को रोजगार दिया है।
सपा की साइकिल की सवारी कर रहे मौर्य टीवी चैनल आज तक के कार्यक्रम हल्ला बोल में बतौर अतिथि आए थे। सामने थीं एंकर अंजना ओम कश्यप। हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए आरपीएन सिंह को लेकर डिबेट हो रही थी और स्वामी प्रसाद मौर्य आरपीएन सिंह (RPN Singh) पर निशाना साध रहे थे। मौर्य ये साबित करने की कोशिश कर रहे थे कि आरपीएन सिंह का सियासी कद उनके सामने छोटा है। इस पर एंकर ने सवाल किया कि योगी सरकार में पाँच साल तक श्रम मंत्री रहते हुए आपने कितने लोगों को रोजगार दिया था?
यही वो सवाल था, जिस पर स्वामी प्रसाद मौर्य फँस गए। उन्होंने एंकर के सवाल के जवाब में योगी सरकार के कार्यकाल की तारीफ कर दी। मौर्य ने कहा, “श्रमिकों के कल्याण के लिए 2009 में बोर्ड का गठन हुआ। 2009 से लेकर 2017 तक कुल मिलाकर सात लाख श्रमिक लाभार्थी थे। हमारे कार्यकाल में एक करोड़ लाभार्थी हुए। पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में मात्र 34 लाख मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, लेकिन आज 1.30 करोड़ से अधिक श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने चैनल पर यह भी दावा किया कि जितना रोजगार पिछली सरकारों के 10 सालों में नहीं दिया गया, उन्होंने श्रम मंत्री रहते हुए निजी क्षेत्रों में पाँच लाख से अधिक रोजगार दिए। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद बीजेपी ने उन पर कटाक्ष किया है। बीजेपी ने कहा कि अगर योगी सरकार ने इतना अच्छा काम किया है तो वो फिर बीजेपी छोड़कर सपा में क्यों चले गए?