नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान कोविड-19 महामारी से बचाव के दिशानिर्देश लागू करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में राजनीतिक दलों को डिजिटल प्लेटफार्म पर अपना प्रचार अभियान चलाने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है।
याचिका में पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में अगले साल होने वाले चुनावों के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के सख्त उपाय लागू करने की मांग की गई है। चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के एक स्थान पर एकत्रित होने, बैठकें करने, प्रचार अभियान चलाए जाने और लाइन लगाकर वोट डाले जाने की प्रक्रिया पर चिंता जताई गई है। कहा गया है कि इन सबके दौरान कोरोना संक्रमण बढ़ सकता है। इससे आमजन और सरकारी कर्मचारी कोविड की चपेट में आ सकते हैं।
यह जनहित याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दायर की है। इसमें शीर्ष न्यायालय से वैसे ही कड़े दिशानिर्देश लागू करने की आवश्यकता जताई गई है जैसे कि पूर्व के चुनावों और कुंभ मेला के दौरान लागू किए गए थे। इस समय देश में कोरोना वायरस के बहुत संक्रामक ओमिक्रोन वैरिएंट मिलने से भय का वातावरण बन गया है। देश के ज्यादातर राज्यों में यह नया वायरस दाखिल हो चुका है। आशंका जताई जा रही है कि नए साल में यह अपना प्रभावी रूप दिखाकर कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर पैदा कर सकता है। इसी दौरान होने वाले विधानसभा चुनावों में बचाव के कड़े उपाय लागू करवाने के लिए याचिका में मांग की गई है।
वहीं, पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने देश और विदेश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विधानसभा चुनाव टालने का सुझाव दिया था। हाई कोर्ट ने अनुरोधपूर्वक कहा था कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां रैलियों में भारी भीड़ एकत्र कर रही हैं। प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त इन चुनावी रैलियों पर कड़ाई से रोक लगाएं।