लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में गठबंधन का गणित बिठाया जाने लगा है । सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर लगातार चर्चा में हैं, पिछले कुछ महीनों में उनकी राजनेताओं से मुलाकात सुर्खियां बटोर रही हैं । अब खबर आ रही है कि राजभर एक बार फिर से बीजेपी के सहयोगी के रूप में नजर आ सकते हैं, लेकिन योगी टीम के साथ 2022 का चुनाव लड़ने के लिए तैयार राजभर ने कई शर्तें भी रखी हैं । जिन्हें लेकर वो पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहते हैं ।
ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन से पहले बीजेपी के सामने कई मांग रखी हैं, जिनमें देश में पिछड़ों की जातिगत जनगणना, रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग के साथ उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने को कहा गया है । इसके साथ ही यूपी में घरेलू बिजली का बिल माफ करने की भी मांग है । इसके अलावा राज्य में एक समान अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा की मांग भी राजभर ने की है ।
ओमप्रकाश राजभर ने इसके साथ ही कुछ और शर्तें भी रखी हैं, इनमें पुलिस कर्मचारियों की बॉर्डर सीमा समाप्त होनी चाहिए । पुलिसवालों को अपने जिले में तैनाती की छूट मिलनी चाहिए, पुलिस ड्यूटी में 8 घंटे की सीमा निर्धारित होने के साथ साप्ताहिक अवकाश की मांग की गई । इसके अलवा पुरानी पेंशन बहाल करने की भी शर्त रखी है । राजभर ने मांग की है कि होमगार्ड, पीआरडी और चौकीदार दोनों पुलिस के समान सुविधाएं मिलें ।
आपको बता दें, ओमप्रकाश राजभर ने मई 2019 में बीजेपी से नाता तोड़ लिया था । इसके बाद से वो लगातार AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई छोटे दलों के साथ मिलकर जनाधिकार संकल्प मोर्चा के गठन की बात करते हैं । लेकिन, ओवैसी के चलते दूसरी कोई बड़ी पार्टी राजभर के भागीदारी मोर्चा में शामिल होने को तैयार नहीं है । इसके अलावा राजभर के गठबंधन में शामिल दलों का जनाधार भी खास नहीं है । ऐसे में अब वो सपा से लेकर बीजेपी तक को गठबंधन करने का ऑफर दे रहे हैं । राजभर ने कुछ दिन पहले ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से भी लखनऊ में मुलाकात की थी।