फ्रांस के एक स्वतंत्र आयोग ने अपनी जाँच में कैथोलिक चर्चों में 2,900 से 3,200 पीडोफाइल (एक प्रकार की मानसिक बीमारी, जिसमें व्यक्ति बच्चों के साथ सेक्स करने की इच्छा रखता है) की उपस्थिति का अनुमान लगाया है। फ्रांस के चर्चों के स्कैंडल और बाल शोषण के मामलों की जाँच के लिए इस आयोग को 2018 में गठित किया गया था। इस बात की जानकारी अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एएफपी ने दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग का नेतृत्व करने वाले जीन-मार्क सॉवे ने इस बात पर जोर दिया है कि वर्ष 1950 से लगभग 3,000 पीडोफाइल पादरियों और चर्च के सदस्यों ने फ्रेंच कैथोलिक चर्च से जुड़े रहे। नवंबर में सॉव ने स्वीकार किया था कि ऐसे मामलों को बहुत ही गलत तरीके से डील किया गया था। इस आयोग को साल 2018 में Conférence des Religieux et Religieuses en France (CORREF) और बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ फ्रांस (CEF) द्वारा स्थापित किया गया था। आयोग ने पीड़ितों और यौन अपराधियों की संख्या जानने की कोशिश की है।
करीब 2500 पन्नों की आयोग की रिपोर्ट में साल 1950 से चर्चों में काम करने वाले पीडोफाइल के न्यूनतम अनुमानों को दिखाया गया है। एएफपी ने बताया कि आयोग का गठन फ्रेंच कैथोलिक चर्च और दुनिया के अन्य चर्चों में हुए सेक्स स्कैंडल के बाद किया गया था। आयोग में कानून, चिकित्सा, इतिहास, समाजशास्त्र और धर्मशास्त्र सहित विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ 22 सदस्य शामिल हैं।
#UPDATE Some 3,000 paedophiles have operated inside the French Catholic Church since 1950, the head of an independent commission investigating the scandal told AFP, who added that that number was “a minimum estimate” https://t.co/OM9YyA5muO
— AFP News Agency (@AFP) October 3, 2021
इस मामले पर बोलते हुए आयोग के सदस्य और समाजशास्त्री फिलिप पोर्टियर ने कहा, “यह किसी के लिए आसान नहीं होने वाला है”। CORREF कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष वेरोनिक मार्ग्रोन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इसका सामना करने के लिए मजबूर होना होगा, ताकि आवश्यक उपाय किये जा सकें।
न्यूजीलैंड कैथोलिक चर्च ने पीड़ितों से माफी माँगी
इससे पहले इसी साल मार्च में न्यूजीलैंड के कैथोलिक चर्च ने चर्च के भीतर यौन शोषण समेत सभी दुर्व्यवहार पीड़ितों से माफी माँगी थी। वेलिंगटन के रोमन कैथोलिक आर्कबिशप और न्यूजीलैंड के मेट्रोपॉलिटन कार्डिनल जॉन ड्यू ने बिशप और कॉन्फ्रेंस की ओर से दुर्व्यवहार के लिए रॉयल कमीशन में माफी माँगी थी।
रॉयल कमीशन इन एब्यूज एँड केस की स्थापना 2018 में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने की थी। इसका उद्देश्य 1950 और 2000 के बीच सरकारी और धार्मिक स्थानों में दुर्व्यवहार के मामलों की जाँच की जा सके।
दिसंबर में जारी आयोग की एक अंतरिम रिपोर्ट में पाया गया कि 1960 से 2000 तक देश के धार्मिक और राज्य नियंत्रित संस्थानों में ढाई लाख बच्चों, युवाओं और वयस्कों का शारीरिक और यौन शोषण किया गया था। आयोग के अनुसार, पीड़ितों में नौ महीने की उम्र वाले बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें बलात्कार और बिजली के झटके जैसे दुर्व्यवहार को वर्षों तक झेलना पड़ा।