लखनऊ। प्रयागराज में भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई है। उनका शव अल्लापुर में बाघंबरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला। महंत नरेंद्र गिरि अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते थे। तालिबान का समर्थन करने वाले मुस्लिम धर्म गुरुओं को देश का गद्दार बताने से लेकर अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर ओवैसी को खरी-खरी सुनाने तक हम आपको महंत के बड़े बयानों से रूबरू करा रहे हैं…
पढ़िए महंत के 4 विवादित बयान….
मुनव्वर सहित तालिबान समर्थकों पर भड़के थे:
बीते अगस्त में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने तालिबान का समर्थन करने वाले मुस्लिम धर्मगुरुओं को देश का गद्दार बताया था। उन्होंने कहा था कि ऐसे मुस्लिम धर्मगुरुओं के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल जेल में डाल देना चाहिए। शायर मुनव्वर राना द्वारा तालिबान का समर्थन किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था, ‘वे लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि उन्होंने भारतीय संविधान और भारत के लोगों पर भरोसा नहीं रह गया है। उन्हें भारत छोड़कर तालिबान चले जाना चाहिए’।
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर साधा था निशाना:
बीती 26 जुलाई 2021 को बहुजन समाज पार्टी के ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर महंत ने बड़ा बयान दिया था। कहा था कि तिलक- तराजू और तलवार का नारा देने वाली पार्टी सिर्फ सियासी फायदे के लिए ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है। उन्होंने बीएसपी से सवाल पूछते हुए कहा कि पहले जूते मारने की बात करने वाली पार्टी को अब कैसे सम्मान की बात याद आई?
श्रीराम मंदिर पर ओवैसी को सुनाई थी खरी-खरी:
6 अगस्त 2020 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के भूमि पूजन को लेकर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर महंत नरेंद्र गिरि ने खरी-खरी सुनाई थी। उन्होंने कहा था कि भारत हिंदू राष्ट्र था और हिंदू राष्ट्र ही रहेगा। ओवैसी को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान मुस्लिम बहुसंख्यक होने के नाते अगर मुस्लिम राष्ट्र हो सकता है तो भारत हिंदू बहुसंख्यक होने के बाद भी हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं हो सकता है।
लव जेहादियों का ‘राम नाम सत्य’ पर विवाद हुआ:
लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन कर महंत विवादों में आ गए थे। 20 नवंबर 2020 को उन्होंने कहा था कि अब समय आ गया है कि लव जेहादियों का ‘राम नाम सत्य’ हो जाना चाहिए। लव जेहादियों को ऐसा दंड मिले कि उनकी आने वाली पीढ़ियां भी उसे याद रखें।