कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब का अगला सीएम कौन होगा? इसका फैसला हो गया है। कई घंटों की माथापच्ची के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का एलान किया गया है। इससे पहले खबर आई थी कि सुखजिंदर सिंह रंधावा को सीएम बनाया जा सकता है, लेकिन वह आखिरी में बनते-बनते रह गए और हरीश रावत ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का ऐलान कर दिया।
पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए चरणजीत सिंह चन्नी के लिए पंजाब की मुख्यमंत्री की कुर्सी काँटों का ताज साबित होने जा रही है। दरअसल उन पर ‘मी-टू’ (Me Too) को लेकर आरोप लग चुका है जिसे लेकर वह कह चुके हैं कि यह तत्कालीन मुख्यमंत्री की शह पर किया गया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा था क्योंकि उन्होंने राज्य में दलित मुद्दों को उठाया था। हालाँकि शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने दलित कार्ड खेलने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की माँग की थी।
मामला 2018 का है और चन्नी पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक महिला आईएएस अधिकारी को 2018 में एक आपत्तिजनक मैसेज भेजा था। तब यह मामला खासा तूल पकड़ा था। हालाँकि उस महिला ने उस समय शिकायत दर्ज नहीं की थी और अमरिंदर सिंह ने भी कहा था कि मामला सुलझा लिया गया है। तब चन्नी ने कहा था कि मैसेज गलती से महिला अधिकारी को भेजा गया था।
चन्नी के खिलाफ महिलाओं ने धरने भी दिए और प्रदर्शन भी किए। जिसके बाद चन्नी ने महिला अधिकारी से माफी माँग ली थी। उस समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह ने कहा था कि मंत्री ने माफी माँग ली है इसलिए यह मामला खत्म हो गया है। यह मामला 2020 में एक बार फिर सामने आया जब कैबिनेट सब कमेटी की एक बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री मनप्रीत बादल और चरणजीत सिंह चन्नी एक्साइज पालिसी को लेकर तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह से भिड़ गए थे। जिसके बाद दोनों ही मंत्रियों ने बैठक छोड़ दी थी।
इसके बाद कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, चन्नी को मनाने के लिए उनके घर पर गए थे, लेकिन चन्नी ने आरोप लगाया कि बाजवा ने उन्हें धमकी दी कि मुख्यमंत्री उनके खिलाफ मी-टू की फाइल फिर खोल सकते हैं। इसके बाद यह मामला करीब 10 महीनों तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। अब एक बार फिर यह मामला तूल पकड़ने लग गया है।
उस समय चन्नी ने कहा था कि मैसेज अश्लील नहीं और रूटीन में ही उन्होंने कई लोगों को भेजा था, जिसमें महिला अधिकारी को भी यह मैसेज चला गया था। चन्नी ने कहा कि उन्होंने दूसरे ही दिन महिला अधिकारी से इस संबंध में गलती मान ली थी और मुख्यमंत्री की हाजिरी में यह मामला हल हो गया था। लेकिन 18 मई 2021 को पंजाब महिला आयोग की चीफ मनीषा गुलाटी ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को नोटिस भेजा था।
मनीषा गुलाटी ने कहा कि आयोग ने 2018 में इस मामले का स्वत: संंज्ञान लिया था। जिसे लेकर तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर जवाब भी माँगा गया। चूँकि तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि मामला खत्म हो गया है। इसलिए उन्होंने भी इस मामले को फॉलो नहीं किया, लेकिन अब उन्हें आइएएस अधिकारियों के फोन आ रहे हैं कि वह मंत्री से मिल गई हैं, इसलिए ‘मी-टू’ मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
चेयरपर्सन ने कहा था कि एक सप्ताह में अगर पंजाब सरकार ने उनके पत्र का जवाब नहीं दिया तो वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएँगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि चन्नी और मुख्यमंत्री के बीच क्या चल रहा है।
मनीषा गुलाटी ने यह भी कहा था कि जब स्टेट चीफ सेक्रेटरी महिला है नेशनल पार्टी प्रेसिडेंट महिला है तो महिला आईएएस अधिकारी को कैसे इंसाफ नहीं मिलेगा। सरकार इस मामले में जवाब नहीं देगी तो वो धरने पर बैठेंगी। तब चन्नी ने कहा था कि अमरिंदर सिंह उन्हें परेशान करने के लिए इस तरह की कार्रवाई करवा रहे हैं। अब जब चन्नी मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे हैं तो फिर इस बात की पूरी संभावना है कि मामला गरमाएगा क्योंकि अकाली दल ने चन्नी का नाम सामने आते ही ‘मी-टू’ का मामला खड़ा कर दिया है।