भारी बारिश की वजह से गुजरात के कई शहरों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर राजकोट और जामनगर में हुआ हैं। बादल फटने से राजकोट में पिछले 24 घंटों में 7 इंच और जामनगर में 10 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है। इससे कई इलाकों में 10 फीट तक पानी भर गया है।
राजकोट के छापरा गांव के पेस पेलिकन ग्रुप के मालिक किशनभाई शाह i-20 कार समेत नदी में बह गए हैं। कार में उनका ड्राइवर भी था। दोनों का तलाश के लिए नेवी की मदद मांगी गई है। राजकोट के कलेक्टर अरुण महेश बाबू के अनुसार नेवी की एक टीम पोरबंदर से रवाना हो गई है।
कार में कुल 3 लोग सवार थे
मिली जानकारी के अनुसार, 50 वर्षीय किशनभाई शाह आज दोपहर अन्य साथी और ड्राइवर के साथ कार से फैक्ट्री के लिए रवाना हुए थे। कार आणंदपर-छपरा गांव के पास से गुजर रही थी। इसी दौरान पुलिया पर पानी बहने के बावजूद कार नहीं रोकी गई, जिससे कार पानी में फंस गई। कार से किशनभाई का परिचित किसी तरह बाहर आ गया, लेकिन इसी दौरान कार बह गई।
मदद करने का मौका ही नहीं मिला
मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि हादसा इतनी तेजी में हुआ कि कोई कुछ समझ ही नहीं पाया। कार से एक व्यक्ति बाहर आया भी, लेकिन तभी पानी का बहाव बढ़ गया और कार तिनके की तरह बहती चली गई। कुछ ही देर में कार लोगों की नजरों से ओझल हो गई।
गुजरात के सौराष्ट्र में मूसलाधार बारिश
गुजरात के सौराष्ट्र में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। राजकोट, जामनगर, जूनागढ़ और विसावदर के हालात बेहद खराब हो चुके हैं। बाढ़ और जलभराव के कारण जामनगर के खिमराना गांव का संपर्क टूट चुका है। राजकोट का भी हाल बेहाल है। वहां जिला कलेक्टर ने मूसलाधार बारिश के कारण स्कूल और कॉलजों में एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी है।
अब तक 230 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू
जामनगर के निचले इलाकों में हालात भयानक हो चुके हैं। लोग जान बचाने के लिए छतों पर डेरा डाले हुए हैं। NDRF की टीम उन्हें बचाने में जुटी है। शहर के कालावड में रेस्क्यू कर 31 लोगों के बचाया गया है। NDRF, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें अब तक 230 से ज्यादा लोगों को निकाल चुकी हैं।
जूनागढ़ में 6 इंच बारिश से नदियों में बाढ़
जूनागढ़ में भी 6 इंच बारिश होने से सोनरख और कालवा नदियों में बाढ़ आ गई। इससे निचले इलाकों के कई घर डूब गए हैं। फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। मदद के लिए दूसरे जिलों से भी टीमों को बुलाया जा रहा है। तीन गांव ऐसे हैं, जहां बाढ़ से सबसे ज्यादा तबाही हुई है।