नयी दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले देश में एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है। भारत की आर वैल्यू एक बार फिर से 1 से ज्यादा हो गई है जिससे कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बढ़ गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी कितनी तेजी से फैल रही है, यह बताने वाली आर-वैल्यू पिछले एक पखवाड़े में तेजी से बढ़कर 1.2 के करीब पहुंच गई है। यह मुख्य रूप से केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से प्रेरित है। इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमैटिकल साइंसेज, चेन्नई के शोधकर्ताओं के अनुसार 24 से 29 अगस्त के बीच की गई गणना के अनुसार आर-वैल्यू 1.17 थी, जबकि 14 से 17 अगस्त के बीच यह 0.89 थी।
अगस्त के पहले 15 दिन में कोरोना वायरस मामलों में तेजी से गिरावट के बाद आर वैल्यू में वृद्धि देखी गई। इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमैटिकल साइंसेज, चेन्नई में शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व कर रहे सिताब्र सिन्हा ने कहा, “उस तारीख (30 अगस्त) तक, स्थिति बहुत खराब दिख रही थी। भारत की आर-वैल्यू 1.2 के करीब पहुंच गई है। यह न केवल एक से अधिक है बल्कि पिछली बार जब तीसरी लहर का डर था, तब की तुलना में भी यह बहुत अधिक है। उस समय यह 1.03 थी।”
सिन्हा ने कहा, ”यह उन राज्यों से प्रेरित हैं, जहां अगस्त के अंतिम कुछ दिन में आर-वैल्यू एक से अधिक हो गई थी। इन राज्यों में मुख्य रूप से केरल, महाराष्ट्र, मिजोरम और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं।” केरल की आर-वैल्यू 1.33 है। राज्य में उपचाराधीन रोगियों की संख्या सबसे अधिक है। इसी तरह, मिजोरम की आर-वैल्यू 1.36, जम्मू-कश्मीर की 1.25, महाराष्ट्र की 1.06 और आंध्र प्रदेश की 1.09 है।
आर-वैल्यू यह दर्शाती है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित करता है। दूसरे शब्दों में, यह बताती है कि एक वायरस कितनी गति से फैल रहा है। यदि आर-वैल्यू एक से कम है तो, इसका मतलब यह होगा कि नये संक्रमित लोगों की संख्या इससे पूर्व की अवधि में संक्रमित हुए लोगों की संख्या से कम होगी, जिसका मतलब है कि रोग के मामले घट रहे हैं।
आर-वैल्यू जितनी कम होगी, उतनी तेजी से रोग घटेगा। इसके उलट, यदि आर-वैल्यू एक से अधिक होगा तो हर चरण में संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी–तकनीकी रूप से, इसे महामारी का चरण कहा जाता है। यह संख्या जितनी बड़ी होगी, महामारी आबादी में उतनी ही तेजी से फैलेगी।