भारतीय समाज में ये अकसर कहा जाता है कि परिवार में जैसा माहौल होता है, बच्चे भी उसी के अनुरुप ढलते हैं, अमूमन बॉलीवुड की दुनिया से संबंध रखने वाले परिवारों के बच्चों का रुझान भी फिल्मों की तरफ ही होता है, लेकिन कई ऐसे विरले भी होते हैं, जो कुछ अलग करने की सोचते हैं, ऐसी ही कहानी मुंबई पुलिस के पूर् कमिश्नर रहे राकेश मारिया की है, पिता फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े होने के बावजूद भी राकेश ने करियर के तौर पर भारतीय पुलिस सेवा को चुना, भले ही उनके पिता बॉलीवुड फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार करते थे, लेकिन आज कई नामी गिरामी एक्टर उनके नाम से रोल करते हैं।
राकेश मारिया के आईपीएस बनने की कहानी भी काफी रोचक है, राकेश ने अपनी किताब में इसका जिक्र किया है, किताब के मुताबिक घर चलाने के लिये राकेश के पिता बॉलीवुड फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करते थे, एक बार उनके पिता ने किसी अपराध में फंसे अपने एक दोस्त की जमानत करवाई थी, लेकिन एक दिन वो भाग गया, जिसके बाद उनके पिता को पुलिस के सामने पेश होना पड़ा, हालांकि ये सिलसिला लंबे समय तक चला, उन्हें पुलिस के सामने कापी समय तक बैठना पड़ता था, उनके सवालों के जवाब देने पड़ते थे, अपने पिता के साथ हो रहे इस तरह के व्यवहार के कारण राकेश मारिया ने बचपन में ही पुलिस अधिकारी बनने की ठानी।
सपने को पूरा करने के मकसद से राकेश ने 1974 में हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई में एडमिशन लिया, जब वो कॉलेज के तीसरे साल में थे, तो उन्होने यूपीएससी की तैयारी करने की ठानी, क्योंकि भारतीय पुलिस सेवा उनके दिल में बसा था, इतना ही नहीं राकेश इस परीक्षा को पहली बार में ही पास करना चाहते थे, इसके लिये उन्होने ग्रेजुएश करने के बाद एक साल जमकर मेहनत की, मुंबई में ठीक ढंग से यूपीएससी की तैयारी नहीं हो पाने के कारण वो दिल्ली आ गये।
दिल्ली आकर उन्होने अपने दोस्त के घर रहकर तैयारी शुरु की, उनकी मेहनत रंग लाई, पहली ही कोशिश में मुख्य परीक्षा पास कर ली, इंटरव्यू से पहले यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को अपने पसंद के पदों का चुनाव करना होता है, आमतौर पर अभ्यर्थी आईएएस, आईपीएस, आईएफएफ समेत कई पदों का चुनाव करते हैं, लेकिन राकेश मारिया ने फॉर्म में दिये गये ऑप्शन में 5 बार आईपीएस ही लिख दिया, क्योंकि उनके ऊपर पुलिस अधिकारी बनने का जुनून था। हालांकि इससे संबंधित सवाल उनसे इंटरव्यू के दौरान भी पूछा गया, कि आखिर उन्होने 5 बार आईपीएस ही क्यों लिखा, इसका जवाब भी उन्होने सच्चाई के साथ दिया, आखिरकार इंटरव्यू में सफल होने के बाद उन्हें आईपीएस चुन लिया गया, ट्रेनिंग के बाद महाराष्ट्र कैडर मिला। इन्होने अपने करियर के दौरान कई केस संभाले, जिसमें मुंबई ब्लास्ट से लेकर 26/11 तक शामिल है, कसाब से इन्होने ही पूछताछ की थी।