नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह (Kalyan Singh Dies) का निधन हो गया है. राजस्थान के गवर्नर भी रहे कल्याण सिंह का लखनऊ में लम्बी बीमारी के बाद निधन हुआ. 5 जनवरी 1932 को यूपी के अतरौली में जन्मे कल्याण सिंह का 89 साल की उम्र में निधन हुआ. वह लखनऊ के एसपीजीआई में भर्ती थे. कल्याण सिंह के निधन पर भारतीय जनता पार्टी शोक जता रही है. पीएम मोदी ने कल्याण सिंह के निधन को बड़ी क्षति बताया है.
कल्याण सिंह के निधन पर उमा भारती (Uma Bharti) ने भी शोक जताया है. मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि कल्याण सिंह जी का निधन भारत की राजनीति की अपूर्णीय क्षति है. वह पिछड़े वर्गों के हमारे देश के ऐसे क़द्दावर नेता थे जो सर्वजन समाज के भी नेता थे. उन्होंने अपनी राजनीति के लिए चापलूसी एवं साज़िश का नहीं बल्कि सिद्धांत और साहस का रास्ता चुना. नेता बनाए नहीं जाते, उनका उद्भव होता है.
उमा भारती के साथ ही उत्तर प्रदेश के सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने भी कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय राजनीति में शुचिता, पारदर्शिता व जन सेवा के पर्याय, अप्रतिम संगठनकर्ता एवं लोकप्रिय जननेता आदरणीय कल्याण सिंह जी का देहावसान संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक-संतप्त परिजनों को दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें. समाज, कल्याण सिंह जी को उनके युगांतरकारी निर्णयों, कर्तव्यनिष्ठा व शुचितापूर्ण जीवन के लिए सदियों तक स्मरण करते हुए प्रेरित होता रहेगा.
ऐसा रहा कल्याण सिंह का सियासी करियर
कल्याण सिंह 1991 में उत्तर प्रदेश के सीएम बने थे. 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था. 1997 को वह फिर से सीएम बने थे. 1999 में बीजेपी ने उन्हें पद से हटा दिया था. इसके बाद कल्याण सिंह ने बीजेपी छोड़ दी थी. और अपनी पार्टी का गठन किया था. पांच साल बाद 2004 में कल्याण सिंह फिर से बीजेपी में शामिल हुए और बुलंदशहर से सांसद चुने गए. 2009 में कल्याण सिंह ने एक बार फिर बीजेपी छोड़ दी और यूपी के एटा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर आम चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की. इसके बाद कल्याण सिंह ने 2014 में फिर से बीजेपी जॉइन की. बीजेपी ने उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया था. उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था. 2019 वह फिर से सक्रिय राजनीति में दिखाई दिए थे. बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें क्लीन चित दे दी थी.