लखनऊ। आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश कोरोना महामारी को मात देकर लगातार आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के 17 जिले कोविड मुक्त हो चुके हैं। वहीं, 18 अगस्त 2021 को राज्य में कोविड-19 के 35 नए मामले सामने आए, जबकि 75 में से 53 जिलों में कोरोना का एक भी नया मामला सामने नहीं आया है। राज्य में अब तक 6 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
Corona is controlled in state, no new case in 53 districts.@timesofindiahttps://t.co/YCzp5NcdLc
— Government of UP (@UPGovt) August 19, 2021
अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य ने अब तक 6.97 करोड़ कोरोना केस की जाँच की है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आँकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में 6.14 करोड़ से अधिक कोविड-19 वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। इनमें से 5.18 करोड़ लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है, जबकि करीब 96 लाख लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक मिल चुकी हैं।
प्रसाद ने कहा, “बुधवार (18 अगस्त 2021) तक राज्य में 419 एक्टिव केस थे। बुधवार को 35 नए मामले सामने आए, जबकि 34 मरीज ठीक हो गए। राज्य में एक व्यक्ति की मौत की भी जानकारी सामने आई, जो कि मेरठ का रहने वाला था।” वहीं, राज्य में अब तक 16,85,819 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं।
17 जिलों में एक भी एक्टिव केस नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 17 जिले ऐसे हैं, जिनमें बुधवार तक शून्य सक्रिय मामले थे। इनमें अलीगढ़, अमेठी, बदायूँ, बलिया, चित्रकूट, देवरिया, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, हमीरपुर, हरदोई, कासगंज, कौशांबी, महोबा, संतकबीर नगर, शामली और श्रावस्ती शामिल हैं।
प्रसाद ने कहा कि भले ही राज्य में कोविड-19 के नए और सक्रिय केसों की संख्या में काफी कमी आई है, लेकिन लोगों को प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए, क्योंकि वायरस कमजोर हो सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में मरीजों के ठीक होने की दर 98.6% है, जबकि एक्टिव केस की दर 0.01% है।
वहीं, अब तक राज्य में 17,09,025 कोविड-19 के मामले दर्ज किए हैं। 16,85,472 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 22,787 लोगों की मौत बीमारी से जुड़ी जटिलताओं से हुई है। इसके अलावा प्रदेश में 419 एक्टिव केस हैं।
देश भर की बात करें तो पूरे देश में 3.5 लाख से अधिक कोरोना के एक्टिव मामले हैं, जिनमें से 1.78 लाख अकेले केरल में हैं। इसका मतलब यह है कि इस दक्षिणी राज्य में देश के आधे से अधिक सक्रिय मामले हैं। वहीं, 58 हजार एक्टिव केस के साथ इस मामले में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर बना हुआ है।