लखनऊ। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब इसके समर्थन और विरोध में खुलकर बयानबाजी हो रही है, समाजवादी पार्टी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और एआईएमपीएलबी प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी की ओर से तालिबान की सराहना पर बीजेपी ने पलटवार किया हैस योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने करारा जवाब दिया है, उन्होने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं बल्कि इनका नाम मुल्ला पर्सनल लॉ बोर्ड है, उन्होने आरोप लगाया कि इस तरह की विचारधारा अब सामने आ रही है, क्योंकि इन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
एआईएमपीएलबी प्रवक्ता तथा सपा सांसद सफीकुर्रहमान बर्क के बयान पर बीजेपी नेता ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि ये मुल्ला पर्सनल लॉ बोर्ड है, ये मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं है, इन मुल्लाओं का विचार क्या हो सकता है, ये नौजवानों को आईएसआईएस की ओर ले जाना चाहते हैं, ये युवाओं को आतंक की आग में झोंकना चाहते हैं, जिस तरह ये तालिबान से इंप्रेस होकर तालिबान को अपना आदर्श मान रहे हैं, इनसे बहुत खतरा है देश को। मोहसिन रजा ने आगे कहा, अभी तक ये लोग दबे हुए थे, अब इनकी विचारधारा सामने आ रही है, क्योंकि इन्हें राजनीतिक दलों का संरक्षण प्राप्त है, सपा मुखिया को सामने आकर अपनी बात साफ करनी चाहिये, कि ऐसे आतंकी विचारधारा के लोग आपके पास क्यों हैं, आपका संरक्षण क्यों है, यही सब संरक्षण देते हैं ऐसी संस्थाओं को
इससे पहले सपा सांसद शफीकुर्रहमान ने अफगानिस्तान में तालिबान पर कब्जे की तुलना भारत में ब्रिटिश राज से करते हुए कहा था, कि हिंदुस्तान में जब अंग्रेजों का शासन था, उन्हें हटाने के लिये हमने संघर्ष किया, ठीक उसी तरह तालिबान ने भी अपने देश को आजाद किया, उन्होने तालिबान की तारीफ करते हुए कहा था, इस संगठन ने रुस, अमेरिका जैसे ताकतवर मुल्कों को अपने देश में ठहरने नहीं दिया।
टीवी 9 भारतवर्ष के एंकर समीर अब्बास ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फिर अपनी ख़तरनाक सोच से हैरान कर दिया. AIMPLB प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने बोर्ड की तरफ़ से तालिबान को सलाम-ए-मोहब्बत भेजा है, कहते हैं कि बरसों की कुर्बानियों के बाद तालिबान को मौका मिला है, दुनिया में न जाने कितने लोगों ने इसके लिए दुआ मांगी थी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फिर अपनी ख़तरनाक सोच से हैरान कर दिया. AIMPLB प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने बोर्ड की तरफ़ से तालिबान को सलाम-ए-मोहब्बत भेजा है, कहते हैं कि बरसों की कुर्बानियों के बाद तालिबान को मौका मिला है, दुनिया में न जाने कितने लोगों ने इसके लिए दुआ मांगी थी
— Samir Abbas (@TheSamirAbbas) August 18, 2021