अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अश्रफ गनी के ओमान में होने की जानकारी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आ रही है । बताया जा रहा है कि उन्होंने कैश से भरी कारों और हैलीकॉप्टर के साथ देश छोड़ा है । गनी के विमान को तजाकिस्तान ने अपने यहां लैंड करने की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद वो ओमान चले गए । अब वहां से अमेरिका जाने की तैयारी है ।
गनी पर आरोप
इससे पहले अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पर गंभीर आरोप लगाए थे । उन्होंने कहा कि अशरफ गनी ने हमारे हाथ बांधकर हमें बेच दिया । खबर है कि तालिबानियों के साथ अफगानिस्तान के कई प्रांतों के नेताओं ने गुप्त समझौते कर लिए थे, अपनी जान बचाने के लिए सेना को हथियार डालने के लिए कहा गया था । इसी वजह से कई प्रांतों में बिना लड़े ही सत्ता तालिबान को मिल गई ।
कमजोर नेतृत्व की बलि चढ़ा देश
अफगानिस्तान पूरी तरह से तालिबान के कब्जे में है, सत्ता हस्तांतरण चल रहा है । बंदूकों में घूम रहे तालिबानी लोगों के हितों की रक्षा के दावे कर रहे हैं । तालिबानियों के सामने सेना का हथियार टेक देना कहीं ना कहीं कमजोर नेतृत्व की वजह से ही हुआ है । तालिबानियों से सांठगांठ कर गुपचुप तरीके से खुद की जान बचाने वाले कई अफगान नेताओं ने जनता को मरने के लिए बेबस छोड़ दिया है । खुद राष्टपति भी अपनी संपत्त्ति बटोरकर भागने में अव्वल आए हैं ।
अमेरिका ने क्या कहा
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सेना वापसी पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वो जो कर रहे हैं वही सही फैसला है । वो अपनी सेना को और जोखिम में नहीं डाल सकते थे । आलोचनाओं के जवाब में बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात गंभीर हैं, वहां से सेना वापसी का कोई भी समय सही नहीं हो सकता था । ये फैसला अचानक ही लिया गया । जो बाइडन ने अशरफ गनी को भी निशाने पर लिया और मौजूदा संकट का ठीकरा उनके सर फोड़ा ।