अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुई स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की सोमवार को हुई आपात बैठक में संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना चाहिए कि अफगानिस्तान को फिर कभी आतंकवादी संगठनों के लिए एक मंच या सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल न किया जाए.
उन्होंने कहा कि हमें (अंतरराष्ट्रीय समुदाय को) अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एक स्वर में बोलना चाहिए. मैं तालिबान और सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और सभी व्यक्तियों के अधिकारों और स्वतंत्रता का सम्मान करने और उनकी रक्षा करने की अपील करता हूं.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने आपात बैठक में आगे कहा कि मैं सभी पक्षों से विशेष रूप से तालिबान से आग्रह करता हूं कि वह जिंदगी की रक्षा के लिए अत्यधिक संयम बरतें और यह सुनिश्चित करें कि मानवीय जरूरतों को पूरा किया जा सके. संघर्ष की वजह से हजारों लोग अपने घर को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मैं सभी देशों से शरणार्थियों को स्वीकार करने का आग्रह करता हूं.
The international community must unite to ensure that #Afghanistan is never again used as a platform or safe haven for terrorist organizations: UN Secretary-General António Guterres at an emergency UNSC meeting on Afghanistan pic.twitter.com/DqvW3JgKWJ
— ANI (@ANI) August 16, 2021
गुटेरेस ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के वर्तमान हालातों पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि राजधानी काबुल में देशभर के अन्य प्रांतों से लोग आए हैं. मैं सभी पक्षों को नागरिकों की रक्षा के लिए उनके दायित्वों की याद दिलाता हूं.” वहीं, यूएनएससी की आपात बैठक में अफगान प्रतिनिधि ने कहा, ”आज मैं अफगानिस्तान के लाखों लोगों की ओर से बोल रहा हूं. मैं उन लाखों अफगान लड़कियों और महिलाओं की बात कर रहा हूं, जो स्कूल जाने और राजनीतिक-आर्थिक और सामाजिक जीवन में भाग लेने की स्वतंत्रता खोने वाली हैं.”
‘आने वाले दिन अहम, दुनिया हमें देख रही’
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा कि अफगान के लोग गर्व करने वाले लोग हैं. वे युद्ध और कठिनाई को जानते हैं. वे हमारे पूर्ण समर्थन के पात्र हैं. आने वाले दिन अहम रहने वाले हैं. हमें दुनिया देख रही है. अफगानिस्तान के लोगों को नहीं छोड़ सकते और न ही छोड़ना चाहिए.
‘डर में जी रहे अफगान के लोग’
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि गुलाम एम इसाकजई ने कहा कि तालिबान दोहा और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने बयानों में किए गए अपने वादों और प्रतिबद्धताओं का सम्मान नहीं कर रहा है. अफगानिस्तान के लोग पूरी तरह डर में जी रहे हैं.