अफगानिस्तान में तेजी से बदले स्थानीय हालातों के मद्देनजर भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक बुलाई गई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहे भारत ने कहा कि काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लोग बेहद बुरी हालत में दिखाई दिए। महिलाएँ एवं बच्चे तनाव में हैं और एयरपोर्ट समेत शहर के अन्य हिस्सों से गोलीबारी की खबरें आ रही हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यदि आतंकवाद के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं दिखाई जाती है और अफगानी इलाकों का उपयोग किसी अन्य देश को धमकाने या उस पर हमला करने के लिए नहीं होता है तो अफगानिस्तान का पड़ोसी इलाका सुरक्षित महसूस करेगा।
If there is zero-tolerance for terrorism in all its forms & manifestations & it’s ensured that Afghan territory isn’t used by terrorist groups to threaten or attack any other country, then Afghanistan’s neighbours & region would feel safer: India’s Ambassador to UN, TS Tirumurti pic.twitter.com/WVGJAK4vdM
— ANI (@ANI) August 16, 2021
भारत ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान का पड़ोसी और वहाँ के लोगों का मित्र होने के नाते अफगानिस्तान में जो भी हो रहा है वह चिंता का विषय है। अफगानी पुरुष, महिलाएँ और बच्चे लगातार डर में जी रहे हैं। इसके अलावा भारत ने कहा कि इस संकट के पहले से अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में कोई न कोई डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चल रहे हैं, साथ ही यह भी कहा गया कि भारत सभी पक्षों से यह आशा करता है कि संयुक्त राष्ट्र और दूतावास के सदस्यों समेत अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
अफगानिस्तान की ओर से बात रखते हुए संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्य और राजदूत गुलाम एम इसाकजई ने कहा, “मैं अफगानिस्तान के लाखों लोगों की ओर से बोल रहा हूँ। मैं उन लाखों अफगानी लड़कियों और महिलाओं की ओर से बोल रहा हूँ जो स्कूल जाने और राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक भागीदारी की स्वतंत्रता खोने वाली हैं।” इसाकजई ने कहा कि तालिबान दोहा और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किए गए अपने वादों का कोई सम्मान नहीं कर रहा है और लोग डर में जीने को मजबूर हैं।
Taliban is not honouring their promises & commitments made in their statements at Doha & at other international forums. Residents are living in absolute fear: Ghulam M Isaczai, Ambassador and Permanent Representative of Afghanistan to UN pic.twitter.com/6C12EpNMHB
— ANI (@ANI) August 16, 2021
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (António Guterres) ने कहा कि वह तालिबान समेत सभी पक्षों से यह अपील करते हैं कि लोगों की जान बचाने और मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने की प्रतिबद्धता दिखाई जाए।
I urge all parties especially the Taliban to exercise utmost restraint to protect lives and to ensure that humanitarian needs can be met. The conflict has forced hundreds of thousands from their homes: UN Secretary-General António Guterres at emergency UNSC meeting on Afghanistan pic.twitter.com/cc05oCrYw7
— ANI (@ANI) August 16, 2021
गुटेरेस ने यह भी कहा कि अफगानी गौरवपूर्ण लोग हैं और वह पीढ़ियों से युद्धरत और कठिनाईयों को झेलने के लिए जाने जाते हैं और वह हमारे पूरे सहयोग के अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया देख रही है और हम किसी भी हालत में अफगानिस्तान को ऐसे ही नहीं छोड़ सकते हैं।
Afghans are proud people. They have known generations of war and hardship. They deserve our full support. The following days will be pivotal. The world is watching. We can not and must not abandon the people of #Afghanistan: UN Secretary-General António Guterres at UNSC meeting pic.twitter.com/nYVW5WVINP
— ANI (@ANI) August 16, 2021
गुटेरेस ने कहा कि अफगानिस्तान से मानव अधिकारों पर लगाई गई पाबंदियों की खबरें आ रही हैं, खासतौर पर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ मानव अधिकारों के उल्लंघन की। ऐसे में वह तालिबान समेत सभी पक्षों से यह अपील करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवीय अधिकारों का सम्मान किया जाए।
We are receiving chilling reports of restrictions on human rights throughout the country. I’m particularly concerned by account of mounting human rights violations against women & girls of Afghanistan who fear a return of the darkest days: UN Secretary-General António Guterres pic.twitter.com/Ef5uv6Kk60
— ANI (@ANI) August 16, 2021
वहीं यह भी खबर आ रही है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन अफगानिस्तान के मुद्दे पर देश को संबोधित करेंगे। ज्ञात हो कि अमेरिका द्वारा अपनी सेनाओं के वापस बुलाए जाने के बाद अफगानिस्तान में हालात ख़राब हुए और तालिबान एवं अफगानी सेनाओं के बीच संघर्ष बढ़ता गया। आज स्थिति यह है कि अब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन स्थापित है।