नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) ने कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) देश छोड़कर जा चुके हैं. बाकी आम लोग भी अपनी जान बचाने में जुटे हुए हैं. लेकिन इन सबके बीच महिलाओं में एक अजीब सा डर फिर पैदा हो गया है. अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी का खौफ कितना खतरनाक है, इसकी दास्तान भारत में रह रहीं दो अफगान महिलाओं ने सुनाई.
दिल्ली के भोगल में अफगान मूल के कई लोग रहते हैं. यहीं अरफा भी रहती हैं, जो अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ की रहने वालीं हैं. अरफा कहती हैं, तालिबान भले ही कह रहा है कि महिलाओं को आजादी होगी. उनके साथ अत्याचार नहीं होगा. लेकिन पहले तालिबान राज में सबने देखा है कि क्या हुआ था.
उन्होंने बताया, उस वक्त महिलाओं खासतौर से युवा लड़कियों के साथ बहुत अत्याचार हुआ. अरफा बताती हैं, उस समय तालिबान के लड़ाके आते थे, लड़कियों को उठाते थे, जबरन शादी करते थे, गलत काम करते थे और छोड़ देते थे. उसके बाद से किसी भी महिला को इन पर भरोसा नहीं है.
महिलाओं के साथ गलत काम होता है!
अरफा अकेली नहीं हैं, जिन्हें अफगानिस्तान में मौजूद अपने परिवार की महिलाओं की चिंता है. उनके जैसे कई और अफगानियों के मन में भी यही डर है. अरफा की तरह ही जवाद बाजून को भी यही चिंता सता रही है. जवाद एक स्टूडेंट हैं और भोगल में रहते हैं. उनका कहना है कि अशरफ गनी ने उनके देश को बेच दिया है.
जवाद काबुल के रहने वाले हैं. वो बताते हैं कि उन्हें अपने परिवार की, खासतौर से महिलाओं की चिंता है. क्योंकि तालिबान के लड़ाके महिलाओं को उठा कर ले जाते हैं और गलत काम करते हैं. वो बताते हैं कि उनका भाई भारत आ रहा था, लेकिन तालिबानियों ने उनका मोबाइल छीन लिया और काबुल एयरपोर्ट के पास रोक लिया.