बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद इस घटना पर टिप्पणी की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “21वीं सदी में तालिबान ऐसे ही जमीन पर कब्ज़ा कर रहा है, जैसे 7वीं शताब्दी में मुहम्मद जमीन कब्जाते थे। ये हमारे आधुनिक समय में एक ‘मध्यकालीन युग’ है।” तस्लीमा नसरीन के इस ट्वीट के बाद कई इस्लामी कट्टरपंथी भड़क भी गए और इस ट्वीट से आक्रोश जताया।
The Taliban captured the land in 21st century the way Muhammad captured the land in 7th century. There is a piece of ‘middle ages’ in our modern era.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 16, 2021
उमर नाम के एक ट्विटर यूजर ने तस्लीमा नसरीन की ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “इसी ‘मध्यकालीन युग’ के लोगों ने 21वीं सदी की आधुनिक सेना को हरा दिया। आप कहना क्या चाहती हो?”
bunch of mediaevals defeating 21st century modern army, what’s your point?
— Umair (@umairjafer) August 16, 2021
एसके मुजफ्फर नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “देशद्रोही महिला दूसरों को ज्ञान दे रही है।”
Desh Drohi Mahila dusron ko Gyan de raha hai vah vah vah
— ?Sk Mojaffar? (@SkMojaffar10) August 16, 2021
युसूफज़ैन नाम के ट्विटर यूजर ने तस्लीमा नसरीन को ‘मुनाफ़िक़ीन (Hypocrote या दोहरे रवैये वाला)’ बताते हुए लिखा, “क़यामत तक तेरे जैसे कितने आएँगे लेकिन इस्लाम का कुछ बिगाड़ नहीं पाएँगे।”
Munafiqoon ki Kami Nahi he … Qayamath tak b tere jese ayenge … Kuch b nuqsaan Nahi Hoga Islam Ka….. pic.twitter.com/1wwedKl78B
— yusufzain?? (@mdyusuf41) August 16, 2021
बता दें कि कट्टरपंथियों के गुस्से के कारण तस्लीमा नसरीन को बांग्लादेश से निकाल दिया गया था, जिसके बाद से वो भारत में ही रहती आई हैं। हाल ही में उन्होंने 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगे के साथ तस्वीर भी पोस्ट की थी। 1994 से ही बांग्लादेश से बाहर रह रहीं तस्लीमा नसरीन अपने उपन्यास ‘लज्जा’ को लेकर विख्यात है। कभी वो मेडिकल प्रोफेसर हुआ करती थीं। वो बुर्का सहित इस्लाम की कई कुरीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाती रही हैं।
तस्लीमा नसरीन के बयानों पर इससे पहले भी इस्लामी कट्टरपंथी आक्रोशित होते रहे हैं। दिसंबर 2020 में उन्होंने आरोप लगाया था कि बांग्लादेश के मस्जिद-मदरसों में हर दिन बलात्कार होते हैं। उन्होंने लिखा था, “बांग्लादेश में रोजाना मस्जिद-मदरसे में बलात्कार हो रहे हैं। अल्लाह के नाम पर बलात्कार हो रहे हैं। मदरसे के बलात्कारी-शिक्षक, बलात्कारी-मस्जिद के इमामों का मानना है कि अगर वो पाँच वक्त की नमाज अदा करेंगे तो उनके गुनाह आजाद होंगे, क्योंकि अल्लाह माफ कर रहा है।”