अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे तथा देश में मचे हाहाकार के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की रणनीति पर सवाल खड़े होने लगे हैं, दुनिया भर के नेताओं से लेकर उनके अपने ही देश में अब निशाना साधा जा रहा है, बिना किसी प्लानिंग के अफगानिस्तान से आनन-फानन में अमेरिकी सेनाओं को वापस बुलाने के फैसले पर गुस्सा देखने को मिल रहा है, रविवार को सीएनएन के न्यूज एंकर जेकटैपर ने अमेरिकी विदेश मंत्री से पूछा आखिर राष्ट्रपति ने इतना गलत फासला ले कैसे लिया। इससे पता चलता है कि जो बाइडेन के फैसले से अमेरिका में कितना गुस्सा है।
सवाल उठ रहे हैं
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में तालिबानी लड़ाकों के कब्जे की तस्वीरें सामने आने के बाद से बाइडेन समर्थक और आलोचक दोनों ही उन पर सवाल खड़े कर रहे हैं, सीएनएन के ही प्रोग्राम में अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के सदस्य रिपब्लिकन सांसद माइक मैककॉल ने कहा कि अफगानिस्तान में मचा उपद्रव प्रेसिडेंट तथा प्रेसिडेंसी पर धब्बा है, उन्होने कहा कि जो बाइडेन ने अफगानिस्तान को लेकर जो किया है, उससे उनके हाथ खून से रंग गये हैं, ओबामा के दौर में अफगानिस्तान के राजदूत रहे रयान क्रॉकर ने कहा कि मेरे दिमाग में जो बाइडेन की लीडरशिप को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
ट्रंप ने भी कसा तंज
क्रॉकर ने कहा कि मेरे दिमाग में गंभीर सवाल उठ रहे हैं, कि आखिर ये शख्स कैसे कमांडर-इन-चीफ के तौर पर हमारे देश का नेतृत्व कर सकता है, हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भी अफगानिस्तान के हालातों को लेकर जो बाइडेन पर तंज कसते हुए कहा था, क्या आप लोग मुझे मिस कर रहे हैं, अमेरिका में जो बाइडेन के खिलाफ गुस्से का आलम ये है कि आने वाले कुछ दिनों में वो राष्ट्र के नाम संबोधन कर सकते हैं, सवाल इस बात को लेकर भी उठ रहे हैं कि आखिर इस संकट के समय में राष्ट्रपति कहां हैं, व्हाइट हाउस की ओर से इस बीच एक तस्वीर जारी हुई है, जिसमें वो कैजुअल ड्रेस में ही अकेले बैठे दिख रहे हैं, नेशनल सिक्योरिटी टीम के साथ वर्चुअल मीटिंग कर रहे हैं।
हालात की समीक्षा
व्हाइट हाउस ने ट्विटर पर लिखा, आज सुबह राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने नेशनल सिक्योरिटी टीम तथा सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की, इस दौरान उन्होने अफगानिस्तान से नागरिकों को निकाले जाने की समीक्षा की, वहां से स्पेशल इमिग्रेशन वीजा पर भी लोगों को लाया जा रहा है, इसके अलावा अफगानिस्तान में अमेरिका को सहयोग करने वाले लोगों को भी निकाला जा रहा है, इस मीटिंग के दौरान काबुल में सुरक्षा हालातों का जायजा लिया गया।