दिल्ली पुलिस ने एक स्थानीय अदालत को बताया है कि अभी तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे इसकी पुष्टि हो कि राजधानी के दक्षिणी-पश्चिमी स्थित दिल्ली कैंटोनमेंट में 9 साल की लड़की का बलात्कार हुआ था। बता दें कि दिल्ली कैंट इलाके में 9 साल की लड़की की हत्या के बाद उसके साथ रेप किए जाने के आरोप भी लगे थे। पूर्व सांसद उदित राज समेत कई लोगों ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन किया था।
इस मामले की जाँच कर रहे इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर (IO) ने अदालत को बताया कि चारों आरोपितों के बयानों से इसका खुलासा हुआ है कि श्मशान के 55 वर्षीय कर्मचारी राधेश्याम और कुलदीप सिंह ने बच्ची का बलात्कार किया था और फिर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। वहीं दो अन्य आरोपितों सलीम अहमद और लक्ष्मी नारायण ने मृतका के शव का अंतिम संस्कार कराने में इन दोनों आरोपितों की मदद की थी।
ये दोनों भी उसी श्मशान में बतौर कर्मचारी कार्यरत हैं। कोर्ट ने 12 अगस्त को दिए गए एक आदेश में नोट किया, “IO ने स्वीकार किया है कि किसी भी प्रत्यक्ष गवाहों के बयान या फिर अन्य सबूतों, या फिर ऐसे मेडिकल साइंटिफिक सबूत नहीं जुटाए जा सके हैं, जिनसे इसकी पुष्टि हो कि बच्ची का रेप हुआ था या नहीं। IO ने कहा है कि वो फ़िलहाल स्पष्ट रूप से इसकी पुष्टि नहीं कर सकते कि बच्ची का बलात्कार हुआ था या नहीं।”
बता दें कि आरोपितों के बयानों को तब तक कोर्ट में मान्यता नहीं दी जाती है, जब तक उसकी पुष्टि के लिए कोई अन्य सबूत न मिल जाए। स्पेशल जज आशुतोष कुमार ने मृत बच्ची की माँ को ‘अंतरिम राहत’ के रूप में 2.5 लाख रुपए देने का आदेश दिया। हालाँकि, कोर्ट ने इसके अलावा अंतरिम मुआवजा देने का आदेश नहीं दिया और कहा कि अभी जाँच एजेंसी ही इसे लेकर निश्चित नहीं है कि मृतका का बलात्कार हुआ था या नहीं, इसीलिए फ़िलहाल इसके लिए मुआवजे की अनुमति नहीं है।
#DelhiCantt rape case: No evidence to confirm if 9-year-old girl raped before being killed, police tells courthttps://t.co/WI9kgSggZC
— Zee News English (@ZeeNewsEnglish) August 13, 2021
अदालत ने पीड़ित पक्ष को इसकी छूट दी है कि वो रेप के लिए मुआवजे के लिए आगे याचिका दायर कर सकते हैं। अगर जाँच एजेंसी के पास आगे ऐसा कोई सबूत मिलता है तो फिर से याचिका दायर की जा सकती है। मौत की एवज में अधिकतम 10 लाख रुपए के सरकारी मुआवजे का प्रावधान है। कोर्ट ने इसका 25% देने का आदेश दिया। अदालत ने चारों आरोपितों को 14 दिन के जुडिशल कस्टडी में भेज दिया।
चारों आरोपित बच्ची की माँ के परिचित ही हैं। FIR में कहा गया है कि आरोपितों ने न सिर्फ बच्ची का बलात्कार कर के उसकी हत्या कर दी, बल्कि माता-पिता की अनुमति के बिना ही उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। मृतका की माँ की शिकायत के आधार पर ये FIR दर्ज हुई थी। इस मामले में IPC की हत्या, रेप व आपराधिक धमकी की धाराओं के अलावा POCSO एक्ट व SC/ST एक्ट भी लगाया गया है।