भारत और रूस के रिश्तों में खटास आने की अटकलों पर तब से पूर्ण विराम लग गया है, जब से दोनों देशों की सेनाएँ इंद्र-2021 संयुक्त युद्धाभ्यास में अपना दमखम दिखा रही हैं। 1 अगस्त से शुरू हुए भारत और रूस के बीच 12वां संयुक्त सैन्याभ्यास इंद्र-2021 रूस के वोल्गोग्राद में 13 अगस्त तक जारी रहेगा। इस अभ्यास के तहत दोनों देशों के जवान अपनी कुशलता एक-दूसरे से साझा कर रहे हैं।
वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार (9 अगस्त) को समुद्री सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। भारत इस महीने UNSC का अध्यक्ष है।
Russian President Vladimir Putin to participate at the United Nations Security Council meeting on maritime security on Monday. Prime Minister Narendra Modi will preside over the meet.
India is the chair of the UNSC this month.
(File photos) pic.twitter.com/DkUqtPo6jO
— ANI (@ANI) August 8, 2021
समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) के मुताबिक, समुद्री सुरक्षा पर 9 अगस्त को होने वाली यूएनएससी की बैठक में नाइजर के राष्ट्रपति, केन्या के राष्ट्रपति, वियतनाम के पीएम, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और कांगो के राष्ट्रपति के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है।
President of Niger, President of Kenya, PM of Vietnam, US Secretary of State Antony Blinken, President of Congo are also expected to participate at tomorrow’s UNSC meeting on maritime security.
— ANI (@ANI) August 8, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘समुद्री सुरक्षा का विस्तार: अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मामला’ पर यूएनएससी की हाई लेवल मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (8 अगस्त) को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
At 5:30 PM tomorrow, 9th August, would be chairing the UNSC High-Level Open Debate on “Enhancing Maritime Security: A Case For International Cooperation”. https://t.co/p6pLLTGPCy
— Narendra Modi (@narendramodi) August 8, 2021
सुरक्षा परिषद में यह बहस ऐसे समय में हो रही है, जब भारतीय नौसेना अगस्त की शुरुआत में दो महीने से अधिक समय के लिए दक्षिण चीन सागर, पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण पूर्व एशिया जल क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों से युक्त एक नौसैनिक कार्य समूह तैनात कर रही है।
बता दें कि भारत और रूस दोनों ही लंबे समय से आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं। रूस में एक तरफ जहाँ चेचेन्या के चेचन आतंकियों ने पिछले दशक तक जमकर कोहराम मचाया था, वहीं भारत अब भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार है।