लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग और जलनिगम में तैनात रहे दो अधिकारियों की बेनामी संपत्तियों की जांच कर रही विजिलेंस टीम के साथ अब आयकर की टीम भी सक्रिय हो गई है। इस कड़ी में आयकर की टीम ने विजिलेंस से कुछ अधिकारियों की संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। ऐसे में बेनामी संपत्ति की जांच में फंसे अधिकारियों की मुसीबत और बढ़ सकती है।
आयकर अधिकारी ने 31 अगस्त 2020 को दैनिक जागरण में छपी खबर ‘जलनिगम के सचिव और बीएसए की संपत्तियां खंगाल रही विजिलेंस’ का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी है। आयकर अधिकारी ने 16 जुलाई 2021 को एसपी विजिलेंस से मांगी गई रिपोर्ट में दैनिक जागरण की खबर को भी संलग्न किया है। अब यह पत्र नगर निगम भी पहुंचा है और नगर निगम बेनामी संपत्तियों की जांच में फंसे अधिकारियों की संपत्तियों का ब्योरा जुटा रहा है। उपायुक्त आयकर (बेनामी संपत्ति जांच यूनिट) मोहित कुमार निगम ने जांच के घेरे में आए अधिकारियों की संपत्तियों का ब्योरा, पता, नाम और पैन नंबर समेत अन्य जानकारी मांगी है।
इनकी संपत्तियों की हो रही थी जांच
- टीम इंदिरानगर के पटेल नगर की धु्रव लोक कालोनी में भवन संख्या आठ का ब्योरा जुटा रही थी। बहराइच में तैनात रहे बेसिक शिक्षाधिकारी धर्मेंद्र कुमार सक्सेना की यह संपत्ति बताई जा रही थी।
- जल निगम लखनऊ में अधीक्षण अभियंता और सचिव प्रशासन का काम देख रहे (अब सेवानिवृत्त) दीनानाथ यादव की संपत्तियों की जानकारी लखनऊ के साथ ही वाराणसी और गाजियाबाद नगर निगम से पता की जा रही थी। यादव की आवासीय के साथ ही व्यावसायिक भूखंड और दुकानों का पता किया जा रहा था।
- परिवार कल्याण महानिदेशालय में कनिष्ठ लिपिक से सीतापुर रोड शंकरपुर 643/154 आवास का वर्ष 2006 से जमा किए जा रहे भवनकर, जलकर और सीवर कर से जुड़ी जानकारी मांगी है।
- मेट पद पर लविप्रा में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मी ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ भी गोपनीय जांच शुरू की गई है। जिला अमेठी के ग्राम घाटमपुर निवासी होने के कारण अमेठी के नगर पालिका अध्यक्ष के साथ ही लखनऊ में नगर निगम से जानकारी मांगी गई है।