लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा ने शहर के टॉप-टेन भू माफियाओं की सूची तैयार की है। ऐसे भू माफिया जिन्होंने लविप्रा के नियमों को दरकिनार करते हुए अवैध काप्लेक्स और इमारतें खड़ी कर ली हैं। इनके नक्शे पास न हो और कंपाउडिंग में फीस जमा करने के बाद निर्धारित तिथि भी निकल गई हो। ऐसे में भू माफियाओं के खिलाफ लविप्रा सख्त कार्रवाई करने जा रहा है। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने सभी सात जोन के अधिशासी अभियंताओं को भू माफियाओं की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वहीं विहित प्राधिकारी को आदेश दिए हैं कि अभियंताओं से संकलित करने के बाद सूची उनके समक्ष रखी जाए। यही नहीं जिन भू माफियाओं पर कार्रवाई होनी है, उनकी पूरा इतिहास भूगोल भी बताया जाए, जिससे ठोस कार्रवाई हाे सके।
पूर्व उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश द्वारा टॉप छह की सूची बनवाई गई थी। इनमें कइयों पर कार्रवाई भी हो गई थी। इनमें फरहत अंसारी, अजमत अली, सलीम, तारा सिंह बिष्ट, मोहम्मद राशिद नईम, साहबदीन यादव का नाम था। इनमें कइयों के मामले कोर्ट में लंबित हैं। इसके अलावा अजमत, सलीम के ड्रैगन मार्ट, मो. राशिद पर लविप्रा बुलडोजर चलवा चुका है। लविप्रा अब कोर्ट से फैसला आने के बाद उक्त भू माफियाओं पर आगे की कार्रवाई तय करेगा। वहीं नई सूची में शहर के कुछ और लोगों पर कार्रवाई तय है। विहित प्राधिकारी अमित राठौर, आनंद कुमार सिंह, धमेंद्र सिंह, राम शंकर ने अपने जोन के अभियंताओं से कंक्रीट सूची बनाकर देने के आदेश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक अगस्त के आखिरी सप्ताह से ऐसे लोगों पर कार्रवाई लखनऊ विकास प्राधिकरण कर सकता है।
सील बिल्डिंग पर विशेष नजरः लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने सील बिल्डिंग में अवैध निर्माण होने और कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई है। रायबरेली रोड, अमीनाबाद, सीतापुर रोड, चौक जैसे स्थानों में कई बिल्डिंग ऐसी हैं जो सील हैं और उनमें काम हो गया है। इसके लिए सीधे अवर अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता को जिम्मेदार माना जाएगा। उपाध्यक्ष ने सील बिल्डिंग की निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए हैं। लविप्रा व्यापारियों व आवासीय परिसरों में कमर्शियल गतिविधियां कर रहे लोगों के साथ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी।