भारत की महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई। हालांकि सेमीफाइनल में अर्जेंटीना और उसके बाद ब्रॉन्ज मेडल मैच में ग्रेट ब्रिटेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। ओलिंपिक मेडल चूकने के बाद टीम इंडिया के प्लेयर्स मैदान पर ही फूट-फूटकर रोने लगीं। सविता पूनिया, वंदना कटारिया, कप्तान रानी रामपाल और नेहा गोयल समेत तमाम खिलाड़ी इमोशनल हो गए।
इन सभी खिलाड़ियों ने पूरे टूर्नामेंट गजब का प्रदर्शन किया था। ब्रिटेन की खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के प्रदर्शन की तारीफ की और भारतीय खिलाड़ियों को सम्मान भी दिया। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों के सम्मान में खड़े होकर तालियां बजाईं।
ब्रिटेन के खिलाड़ियों ने भारतीय खिलाड़ियों के सम्मान में ताली बजाई। टीम इंडिया ने अपनी रैंक से कहीं ऊपर ब्रिटेन की टीम को कड़ी टक्कर दी।
मैच से पहले ब्रिटेन और भारत के खिलाड़ियों ने कुछ यूं एक-दूसरे को सम्मान दिया।
भारत के लिए गुरजीत कौर ने पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से 2 गोल दागे। उन्होंने नॉकआउट के 3 मैचों में 4 गोल दागे।
भारत की स्टार फॉरवर्ड वंदना कटारिया (बीचे में) ने ओलिंपिक में कुल 4 गोल दागे।
ब्रिटेन की गोलकीपर मैडेलिन क्लेयर भारत की नेहा गोयल को सांत्वना देते हुए।
मैच के बाद भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने ब्रिटेन के खिलाफ कुल 7 सेव किए। इसमें 6 काउंटर अटैक और 1 पेनल्टी कॉर्नर बचाया।
इंग्लैंड की खिलाड़ी गोलकीपर पूनिया को सांत्वना देने पहुंचीं।
कुछ ब्रिटिश प्लेयर्स जीत का जश्न छोड़कर भारतीय खिलाड़ियों से बात कर रही थीं।
इंग्लिश प्लेयर्स ने गुरजीत की भी पीठ थपथपाई।
इंग्लैंड के प्लेयर्स ने भारतीय कप्तान रानी रामपाल, नवनीत और निशा की तारीफ की।
मैच के बाद टीम हार के दुख में डूबी नजर आई। हर आंख में आंसू थे।
इमोशनल रानी रामपाल से बात करतीं इंग्लिश प्लेयर।
भारतीय महिला टीम पहली बार ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल का मुकाबला खेली। महिला हॉकी को 1980 से ओलिंपिक में शामिल किया गया था। भारतीय महिला टीम ने तीसरी बार ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया।
कोचिंग स्टाफ भारतीय खिलाड़ियों को सांत्वाना देते हुए। भारत ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है।
टीम इंडिया के कोच मरिज्ने भारतीय खिलाड़ियों को समझाते हुए। PM मोदी ने भी टीम की तारीफ की है।