नई दिल्ली। दिल्ली में 9 साल की एक बच्ची की संदेहास्पद हालत में मौत पर चौतरफा सियासत जारी है। इस बीच राहुल गाँधी बच्ची के परिजनों से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर मुश्किलों में घिर गए हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने राहुल गाँधी के ट्वीट पर संज्ञान लिया है और ट्विटर से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट करते हुए लिखा, “एक पीड़ित बच्ची के माता पिता की फ़ोटो ट्वीट कर उनकी पहचान उजागर कर POCSO ऐक्ट का उल्लंघन करने पर NCPCR ने संज्ञान लेते हुए ट्विटर इंडिया को नोटिस जारी कर राहुल गाँधी के ट्विटर हैंडल के विरुद्ध कार्यवाही करने एवं पोस्ट हटाने के लिए नोटिस जारी किया है।”
एक पीड़ित बच्ची के माता पिता की फ़ोटो ट्वीट कर उनकी पहचान उजागर कर #POCSO ऐक्ट का उल्लंघन करने पर @NCPCR_ ने संज्ञान लेते हुए @TwitterIndia को नोटिस जारी कर श्री राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल के विरुद्ध कार्यवाही करने एवं पोस्ट हटाने के लिए नोटिस जारी किया है। pic.twitter.com/cVquij6jx3
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) August 4, 2021
बता दें कि बीजेपी ने तस्वीरें साझा करने को कानून का उल्लंघन बताते हुए उनके खिलाफ NCPCR से संज्ञान लेने और कार्रवाई करने का निवेदन किया था। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गाँधी ने अपने ट्वीट में पीड़िता के परिजनों का चेहरा सार्वजनिक किया है, जो पोक्सो एक्ट की धारा 23 जुवेनाइल जस्टिस केयर के तहत चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 74 का उल्लंघन है। NCPCR इसका संज्ञान लें और राहुुल गाँधी को नोटिस जारी करे।
गौरतलब है कि दिल्ली के ओल्ड नांगल में 9 साल की एक बच्ची की संदेहास्पद हालत में मौत हो गई। आरोप है कि श्मशान घाट के भीतर रेप करने के बाद बच्ची को जला दिया गया। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही बताया है कि पोस्टमॉर्टम से भी मौत की वजह से पर्दा नहीं उठ पाया है।
गिरफ्तार लोगों में से एक राधेश्याम को मीडिया रिपोर्टों में श्मशान घाट का पुजारी बताया जा रहा है। वहीं तीन अन्य आरोपित सलीम, लक्ष्मीनारायण और कुलदीप श्मशान घाट के कर्मचारी बताए जा रहे हैं। इन पर हत्या, बलात्कार और आपराधिक धमकी के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376 और 506 के तहत यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम और SC/ ST एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।