देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ किया है कि अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले उन्हीं व्यक्तियों को कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट से छूट दी जाएगी, जिन्होंने आने से 15 दिन पहले कोराना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हों। उन्होंने यह भी कहा कि कोराना की संभावित तीसरी लहर से निबटने को सरकार की तैयारियां पूरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश व युवा पीढ़ी के हित को देखते हुए ही सरकार ने पूरी समीक्षा के बाद स्कूल-कालेज खोलने का निर्णय लिया है।
कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद सरकार ने वर्तमान में लागू कोविड कर्फ्यू की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में अन्य राज्यों से आने वालों को राहत दी है। इसके तहत कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद यहां आने वाले व्यक्तियों को हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन और बार्डर चेकपोस्ट पर वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र दिखाने के बाद राज्य में प्रवेश देने का प्रविधान किया गया है। ऐसे व्यक्तियों के लिए कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता नहीं होगी। अलबत्ता, जिन व्यक्तियों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है, उनके लिए कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है।
अब जबकि कोरोना के मामलों में और कमी आई है तो माना जा रहा था कि सरकार दूसरे राज्यों से आने वालों को और छूट दे सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में साफ किया कि वैक्सीन की डबल डोज ले चुके अन्य राज्यों के व्यक्तियों पर ही कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट का नियम लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निबटने को सरकार ने पूरी व्यवस्था की है। अगर कहीं कोई कमी नजर आएगी तो उसे दूर कराया जाएगा।
प्रदेश में स्कूल खोलने से संबंधित प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय लेने से पहले सरकार ने पूरी समीक्षा की है। दूसरे राज्यों की स्थिति का भी अध्ययन किया गया। कांग्रेस के विरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि विरोध के नाम पर इसका विरोध किया जा रहा है। सरकार ने प्रदेश के हित व आने वाली पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।