नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले साल के अप्रैल महीने से जारी विवाद के बीच शनिवार को भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई. यह दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच होने वाली 12वीं दौर की वार्ता थी. सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत में गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स आदि जैसे प्वाइंट्स से डी-एस्केलेशन पर विस्तार से चर्चा हुई.
एलएसी के चीन के पक्ष की ओर ओल्डी में हुई यह बैठक सुबह शुरू हुई थी, जोकि शाम साढ़े सात बजे तक चली. नौ घंटे की मैराथन बैठक में तनाव को कम करने को लेकर बातचीत की गई. पिछले दिनों एलएसी विवाद को खत्म करने के लिए चीन ने 26 जुलाई को बातचीत करने का सुझाव दिया था, जिसे भारत ने कारगिल विजय दिवस के चलते खारिज कर दिया था. बाद में बातचीत के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की गई थी.
मालूम हो कि दोनों देशों के बीच एलएसी पर पिछले साल अप्रैल से ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. हालांकि, कई बार बातचीत के बाद स्थिति में कुछ सुधार आया है, लेकिन फिर भी गोगरा समेत कई ऐसे प्वाइंट्स हैं, जहां पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. पिछले साल जून महीने में गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे.
दोनों देशों के बीच कई महीनों से चल रही वार्ता का ही नतीजा था, जिससे पैंगोंग झील के दोनों किनारों समेत कई जगहों पर डिस-एंगेजमेंट हुआ था. हालांकि, चीनी सेना ने अब भी गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स जैसे इलाकों में विवाद खड़ा कर रखा है, जिससे तनाव कायम है.
जहां एक ओर चीन भारत से शांति के लिए बातचीत कर रहा है तो दूसरी ओर वह अपनी चालबाजी से भी पीछे नहीं हट रहा. पूर्वी लद्दाख में दबदबा कम होने की वजह से चीन इन दिनों अपनी सैन्य तैनाती को मजबूत करने में लगा हुआ है. इसके चलते चीन ने हर तिब्बती परिवार के लिए पीएलए में एक सदस्य भेजना अनिवार्य कर दिया है. सूत्रों के अनुसार, चीन ने यह विशेष अभियान फरवरी महीने से चला रखा है.