ओलंपिक जैसे बड़े खेल कार्यक्रमों का जब-जब आयोजन होता है, तब-तब सभी देशों में अलग ही जोश और जुनून देखने को मिलता है । लेकिन एक एथलीट के लिए ये दिन परीक्षा का होता है । जिसके लिए उसने जी-जान से प्रैक्टिस की होती है । एथलीट बनना आसान काम नहीं, मेडल जीतना कोई बच्चों को खेल नहीं, इन तक पहुंचने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है । अनुशासन, अथक परिश्रम और सच्ची लगन से ही कोई खिलाड़ी अपने देश के ध्वज का मान बढ़ा पाता है । कुछ तस्वीरें आगे देखें, जानें की मेडल पाने के लिए किसी एथलीट के शरीर पर क्या असर पड़ता है ।
जरा इन हाथों को देखिए, मेडल लाना वाकई आसान नहीं है । ये हाथ, हिडिलिन डियाज के हैं, जिन्होंने ने ‘टोक्यो ओलंपिक 2020’ में महिला वेटलिफ्टिंग 55 किलो वर्ग में जीतकर अपने देश फिलीपींस को उसका पहला ओलिम्पिक गोल्ड मेडल जिताया है । उनके हाथ बता रहे हैं कि उन्होंने कितनी मेहनत की थी।
Take a look at the hands that lifted the Philippines atop the podium.
Diaz said there are more wounds that we don’t see.
Salamat, @diaz_hidilyn #PHI#Weightlifting #SeeUsStronger @OneSportsPHL @CignalTV pic.twitter.com/I3OtTsC7BU
— Paolo del Rosario (@paodelrosario) July 27, 2021
धावकों की ऐसी हो जाती है हालत
वहीं रेसिंग ट्रैक पर तेजी से दौड़ते धावक के पैरों का क्या हाल होता होगा, ये तस्वीर देखिए समझ आ जाएगा । यह तस्वीर टूर डी फ्रांस रेस के बाद जॉर्ज हिनकेपी के पैरों की है वहीं दूसरी तस्वीर पूर्व विश्व चैंपियन साइकिलिस्ट जांज ब्रजकोविक के पैर की है, जिसे उन्होंने रेस के बाद क्लिक किया था।
My hands after spending so long in wet gloves.The blisters were never bad on this Polar row, but the wet & damp seeped into the skin… pic.twitter.com/N3Y6s3m4Uh
— Alex Gregory (@AlexGregoryGB) August 30, 2017
पानी में पदक जीतना आसान नहीं
वहीं वॉट गेम्स में पार्टिसिपेट करने वाले एथलीट्स का हाल इन तस्वीरों में देख सकते हैं । ओलिंपिक रोवर के हाथ देखिए जरा, अब बताइए कितने परिश्रम और धैर्य की जरूरत होगी इन्हें । वहीं 163 किलोमीटर तैरने के बाद ओलिंपिक स्विमिंग चैम्पियन वैन डेर के हाथों का ये हाल हो गया था । लेकिन बावजूद इसके ये रुकते नहीं, थकते नहीं, शिकन नहीं आने देते ।
होते हैं बड़े-बड़े हादसे
खेलों के दौरान ऐसे हादसे भी हो जाते हैं जो आपको जीवन भर का दर्द दे सकते हैं । जैसे 2009 में यूएस ओलंपिक ट्रायल के दौरान जेआर सेल्स्की के सीधे पैर के स्केट ब्लेड से उनके बाएं पैर के घुटने से ऊपर का हिस्सा ही कट गया था। लेकिन इस तस्वीर में उनकी मुस्कुराहट किसी को हताश नहीं करती ।
वहीं ये तस्वीर हंगेरियन वेटलिफ्टर जानोस बरन्याई की है, बीजिंग 2008 ओलिंपिक गेम्स में पुरुषों की 77 किलो वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता के दौरान जब वो 148 किलोग्राम उठाने की कोशिश कर रहे थे तो उनके सीधे हाथ में जबरदस्त इंजरी हो गई थी ।