नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) हैं, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की नज़र राज्य में सत्ता को बचाए रखने की है. इसी के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओबीसी वोटबैंक पर नज़र रखते हुए एक अहम निर्देश दिया है. पीएम मोदी ने सभी मंत्रालयों को कहा है कि मेडिकल सीट्स में ऑल इंडिया कोटा (AIQ) के तहत ओबीसी आरक्षित सीटों के सभी विवादों को जल्द सुलझा लिया जाए.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ रिव्यू बैठक में सोमवार को लॉ एवं सोशल जस्टिस मंत्रालय से जुड़े लोग भी शामिल थे. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) लोगों के आरक्षण को लेकर भी काम करने को कहा.
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘मौजूदा वक्त में करीब 15 फीसदी UG, 50 फीसदी PG मेडिकल सीट राज्य सरकारों द्वारा AIQ के तहत मैनेज की जाती हैं. इसमें SC, ST के लिए तो सीटें आरक्षित हैं, लेकिन ओबीसी के लिए नहीं हैं.’
ओबीसी ग्रुप्स की ओर से इसमें अपने लिए सीटों की मांग लंबे वक्त से की जा रही है, ये मामला अदालत तक भी गया है. ऐसे में अब प्रधानमंत्री ने मंत्रालयों से कहा है कि कम से कम वक्त में इन मामलों को सुलझाया जाए और कोर्ट से बाहर ही सहमति बनाने की कोशिश हो.
इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री की कोशिश आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी आरक्षण दिलवाने की हैं. ये मसला बीजेपी के लिए एक अहम मसला रहा है, एक बड़ा तबका इसमें भाजपा समर्थकों का है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री इस ओर भी विशेष रूप से ध्यान दे रहे हैं. अपनी इस बैठक में प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्रालय से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए मेडिकल सीट रिजर्व रखने की बात कही.
गौरतलब है कि तमिलनाडु में मेडिकल सीट्स को लेकर अहम विवाद चल रहा है. जहां डीएमके द्वारा कोर्ट का रुख किया गया है. डीएमके ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पर अदालत का आदेश ना मानने का आरोप लगाया है. अदालत में अब केंद्र की ओर से इसका रोडमैप तैयार करने के लिए कुछ वक्त मांगा गया है.
साफ है कि अगर मोदी सरकार इस मसले को बिना किसी विवाद के सुलझाने में कामयाब रहती है और अन्य पार्टियों की इसमें सहमति बनती है. तो अगले साल होने वाले यूपी चुनाव से पहले एक बड़ा संदेश जा सकता है. यूपी में ओबीसी वोटर का बड़ा असर है, जिनका चुनावी नतीजों पर असर होगा. हाल ही में मोदी कैबिनेट में हुए बदलाव में भी ओबीसी समुदाय को तवज्जो दी गई थी.