दिग्गज भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम ने अपने ओलंपिक अभियान की शानदार शुरुआत करते हुए अगले दौर में जगह बना ली है. रविवार को 51 किलो फ्लाइवेट कैटेगरी के राउंड-32 के मुकाबले में उन्होंने अपने से 15 साल जूनियर डोमिनिका गणराज्य की मिगुएलिना हर्नांडिज गार्सिया को 4-1 से शिकस्त दी. मैरीकॉम का अगला मुकाबला 29 जुलाई को होगा. वह कोलंबिया की तीसरी वरीयता प्राप्त इंग्रिट वालेंसिया से भिड़ेंगी, जो 2016 रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता हैं.
तीसरे एवं अंतिम राउंड में मैरीकॉम ने आक्रामक खेल का परिचय देते हुए कुछ शानदार पंच जड़े. डोमिनिकन मुक्केबाज ने भी हमले की कोशिश की, लेकिन यह मुकाबला जीतने के लिए पर्याप्त नहीं था. चार जजों ने मैरीकॉम के प्रदर्शन को बेहतर बताया, वहीं केवल दूसरे जज ने गार्सिया के पक्ष में फैसला दिया. गार्सिया पैन अमेरिकी खेलों की कांस्य पदक विजेता हैं.
मैरीकॉम को पहले जज ने 30, दूसरे ने 28, तीसरे ने 29, चौथे ने 30 और पांचवें जज ने 29 अंक दिए. वहीं, गार्सिया को पहले जज ने 27, दूसरे ने 29, तीसरे ने 28, चौथे ने 27 और आखिरी जज ने कुल 28 अंक दिए.
मणिपुर की रहने वाली मैरीकॉम ओलंपिक मेडल जीतने वाली इकलौती भारतीय महिला मुक्केबाज हैं. मैरीकॉम ने लंदन ओलंपिक 2012 के 51 किलोग्राम फ्लाइवेट वर्ग में कांस्य पदक जीता था. टोक्यो में भी 38 साल की इस स्टार मुक्केबाज से पदक की उम्मीद की जा रही है.
मैरीकॉम ने मार्च 2020 में आयोजित एशिया/ओसनिया ओलंपिक क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो के लिए क्वालिफाई किया था. दूसरी वरीय मैरीकॉम ने क्वार्टर फाइनल में फिलीपींस की आयरिश मैग्नो को 5-0 से हराकर यह उपलब्धि हासिल की. हालांकि इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में मैरीकॉम चीनी मुक्केबाज युआन चांग से हार गई थीं, जिसके चलते उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा.