इस साल अगस्त में भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अध्यक्ष का पद सँभालेगा। इस दौरान समुद्री सुरक्षा, टेक्नोलॉजी व शान्ति रक्षा के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए उत्पन्न होने वाले खतरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। दरअसल, सुरक्षा परिषद का हर सदस्य देश एक महीने के लिए परिषद का अध्यक्ष बनता है। जुलाई में फ्रांस इसका अध्यक्ष बना था।
अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठन तालिबान के बढ़ते दबदबे और दक्षिण एशिया सहित दुनिया भर में बदलते घटनाक्रम के बीच भारत की अध्यक्षता बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। माना जा रहा है कि आतंकवाद से त्रस्त भारत का मुख्य बिंदु आतंकवाद ही होगा। हालाँकि, इस संबंध में विदेश मंत्रालय कई महीनों से एजेंडा तैयार कर रहा है।
इसके पहले जून में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने के लिए सुरक्षा परिषद में ठोस और परिणाम वाली कार्रवाई का प्रयास करेगा। भारत से संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समितियों द्वारा संस्थाओं और व्यक्तियों को सूचीबद्ध करने और हटाने में अधिक पारदर्शिता की माँग करने की भी उम्मीद है।
बुधवार (21 जुलाई 2021) को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष बोजकिर ने अध्यक्षता के दौरान किए जाने वाले कार्यों को लेकर भारत की प्रशंसा की थी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने भारत की अध्यक्षता के दौरान होेने वाली गतिविधियों के बारे में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोजकिर को बताया था।
भारत को वर्ष 2021 और 2022 के लिए परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में चुना गया था और भारत का दो वर्षीय कार्यकाल 1 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। दरअसल, सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य हैं। इनमें पाँच सदस्य स्थाई हैं, जिनमें अमेरिका, चीन, रुस, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं। वहीं, 10 अस्थाई सदस्यों का दो वर्ष के लिए चुनाव होता है।