शामली। बिहार में दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए ब्लास्ट का यूपी के शामली से कनेक्शन जुड़ रहा है। यहां यूपी एटीएस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। इस मामले में अब तक कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें शामली जिले के रहने वाले 5 संदिग्ध भी शामिल हैं। ताजा कार्रवाई में कांधला से एक और गिरफ्तारी हुई है।
कांधला से इजहार नाम का संदिग्ध अरेस्ट
गिरफ्त में आए 4 संदिग्ध कैराना से हैं। वहीं शनिवार को एक और शख्स को कांधला से गिरफ्तार किया गया। दावा किया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी इजहार उर्फ सोनू के दरभंगा में रेलवे ब्लास्ट करने वाले आतंकी संगठन से रिश्ते हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और एटीएस साथ ले गई
अब तक शामली से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था। शनिवार को कांधला थाना क्षेत्र के मोहल्ला मिरदगान से इजहार उर्फ सोनू को अरेस्ट किया गया। सूत्रों की माने तो इजहार के खिलाफ धारा 120 बी, 121 आईपीसी 3/4 की धाराओं में मुकदमा दर्ज है। गिरफ्तारी के बाद इजहार की शामली जिला चिकित्सालय में जांच भी कराई गई। फिर जम्मू-कश्मीर पुलिस और एटीएस सोनू को अपने साथ ले गई।
कैराना के दो भाई हैदराबाद से हुए थे गिरफ्तार
17 जून को बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल ब्लास्ट की घटना सामने आई थी। एनआईए और एटीएस इस घटना की जांच कर रही है। संयुक्त जांच के दौरान यूपी के शामली में छापेमारी की गई। इसके बाद कफील और सलीम नाम के संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। उनकी निशानदेही पर टीम ने हैदराबाद से भी कैराना के रहने वाले दो सगे भाइयों इरफान और नासिर को गिरफ्तार किया था।
इस बीच इजहार के भाई नूर मोहम्मद का कहना है, ‘हम कश्मीर में फलों का व्यापार करते हैं। इसमें जहांगीर नाम का एक व्यक्ति है, जो पुलवामा का रहने वाला है। वह भी हमारे साथ काम करता है। जहांगीर हमारे छोटे भाई सोनू के फोन से फोन करता रहता था, जिससे यह मामला सामने आया है।’
यूं निकला शामली कनेक्शन
17 जून को दरभंगा में पार्सल ब्लास्ट हुआ था। दरअसल सिकंदराबाद स्टेशन से पार्सल भेजने वाले का नाम-पता सूफियान निवासी सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) लिखा था। इस पार्सल को दरभंगा में मोम्मद सूफियान को ही रिसीव करना था। जिस तरह से पार्सल पर भेजने वाले और रिसीव करने वाले का एक ही नाम था, उसी तरह से दोनों जगहों पर एक ही मोबाइल नंबर दर्ज किया गया था। ब्लास्ट के बाद पुलिस और एटीएस ने मोबाइल नंबर जांच की तो मोबाइल नंबर शामली जिले के कैराना कस्बे का निकला था।
फिर बिहार पुलिस और एनआईए की टीम ने यूपी एटीएस को मामले की जानकारी देते हुए मदद ली और लोकेशन ट्रेस कर छापेमारी करते हुए कासिम उर्फ कफील को कब्जे में ले लिया। कफील से मिली जानकारी के आधार पर ही सलीम को गिरफ्तार कर लिया गया। जिस मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस शामली में पहुंची वो कफील का था। टीम ने कफील को 23 जून को ही हिरासत में ले लिया था। जिसकी निशानदेही में हैदराबाद में छापेमारी हुई।