‘द हिन्दू’ प्रकाशन समूह की चेयरपर्सन मालिनी पार्थसारथी ने गुरुवार (22 जुलाई 2021) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, लेकिन यह मुलाकात ‘द हिन्दू’ के डायरेक्टर एन राम को पसंद नहीं आई। उन्होंने इस मुलाकात से खुद को अलग करते हुए इशारा किया कि पार्थसारथी ने दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री से मुलाकात करके वामपंथी प्रकाशन समूह की बरसों पुरानी प्रतिष्ठा को गँवा दिया।
Had the privilege of calling on Prime Minister @narendramodi today & had an illuminating conversation in which he shared his perspective on issues of current public interest. pic.twitter.com/dUTjxtXbMF
— Malini Parthasarathy (@MaliniP) July 22, 2021
पार्थसारथी की पीएम मोदी से मुलाकात के संबंध में @Mrs_DoSoLittle नाम के एक ट्विटर यूजर की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए एन राम ने कहा कि इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मेहनत से कमाई गई ‘द हिन्दू’ की प्रतिष्ठा और गँवाई जा रही 142 से अधिक सालों की लीगेसी को बचाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। हालाँकि, पार्थसारथी इस पर चुप नहीं रहीं और उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ‘द हिन्दू’ की प्रतिष्ठा भंग नहीं होगी और 142 वर्षों से अधिक की लीगेसी तथ्यात्मक पत्रकारिता करके हासिल हुई है न कि राजनैतिक पक्षपात के द्वारा।
I have nothing to do with this. What I can assure you is that we will do our very best to prevent The Hindu’s “hard-earned” reputation and legacy of 142+ years “being squandered away”. https://t.co/xRe3QK5UxU
— N. Ram (@nramind) July 23, 2021
उन्होंने यह भी कहा कि ‘द हिन्दू’ की ईमानदारी और साख को पुनर्स्थापित करने के लिए वह संकल्पित हैं और लीगेसी को पुनर्जीवित करने का यही एक जरिया है। दरअसल पार्थसारथी के कहने का यही मतलब था कि वह ‘द हिन्दू’ की उस प्रतिष्ठा को पुनः अर्जित करना चाहती हैं, जो प्रकाशन समूह के एडिटर-इन-चीफ रहते हुए एन राम के कार्यकाल में धूमिल हो गई थी।
Our 142+ years of hard-earned reputation was built by reporting that was factual & not driven by political prejudice or bias. We @the_hindu are determined to restore the honesty & credibility of our reporting & commentary. This is the only way forward to revive our great legacy. https://t.co/6oQg9GRblY
— Malini Parthasarathy (@MaliniP) July 24, 2021
यह पहली बार नहीं है जब ‘द हिन्दू’ से जुड़े दो वरिष्ठ पत्रकार आमने-सामने हैं। एन राम की बात करें तो वह लगातार राफेल के सौदे को लेकर घोटाले का आरोप लगाते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी उन्होंने क्रॉप की गई फोटो प्रकाशित करके राफेल सौदे में घोटाले का आरोप लगाया था। वहीं, पार्थसारथी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने की बात कह चुकी हैं। उन्होंने सीधे तौर पर यह कहा था कि वह निजी तौर पर यह मानती हैं कि राफेल के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्यनिष्ठा पर कोई प्रश्न नहीं उठाया जा सकता है।
इससे पहले भी अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा बच्चों को बिना प्याज और लहसुन का भोजन देने के मामले में ‘द हिन्दू’ ने फाउंडेशन की आलोचना करते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की थी। हालाँकि, सोशल मीडिया पर आलोचना होने के बाद पार्थसारथी ने खुद को इस रिपोर्ट से यह कहते हुए अलग कर लिया था कि वह प्रतिदिन प्रकाशित होने वाले न्यूज कंटेन्ट को नहीं देखतीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि प्रकाशन द्वारा अक्षय पात्र पर निशाना साधना अनुचित है।
इस मुद्दे पर एन राम के विचार कुछ अलग थे। उन्होंने ‘द हिन्दू’ के ‘संपादकीय मूल्यों’ का हवाला देते हुए पार्थसारथी पर बाहरी आलोचनाओं से प्रभावित होने का आरोप लगाया था। हालाँकि, इसके बाद भी पार्थसारथी ने कहा था कि अक्षय पात्र पर उनके प्रकाशन की रिपोर्ट एकतरफा पत्रकारिता का उदाहरण है।