उत्तर प्रदेश के आतंकनिरोधी दस्ता (ATS) ने बड़ी जानकारी दी है कि इस्लामी धर्मांतरण गिरोह के तार मिस्र (Egypt) से लेकर मध्य-पूर्व (Middle East) के कई मुल्कों तक फैले हुए हैं। ‘इस्लामी दावा सेंटर’ के मौलाना मोहम्मद उमर गौतम और जहाँगीर काजी की गिरफ़्तारी के बाद इस मामले का पर्दाफाश हुआ था। अब ATS ने महाराष्ट्र से तीन नई गिरफ्तारियाँ की हैं। इन तीनों को नागपुर से गिरफ्तार किया गया।
जिन तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, उनके नाम हैं – कौशर आलम, रामेश्वर काँवरे उर्फ़ एडम और भूपिंदर बंदो उर्फ़ डॉक्टर अर्सलान। इस मामले में 6 लोगों की गिरफ़्तारी पहले ही हो चुकी है। नागपुर से गिरफ्तार ये तीनों इस धर्मांतरण गिरोह की अहम कड़ी हैं। इनके जरिए ही महाराष्ट्र और इसके आसपास के इलाकों में इस्लामी धर्मांतरण का जाल फैलाया जा रहा था। कौसर आलम झारखंड के धनबाद स्थित झरिया का निवासी है।
वहीं एडम नागपुर का ही रहने वाला है। भूप्रिय बंदो मूल रूप से गढचिरौली का निवासी है, लेकिन फ़िलहाल वो नागपुर में ही रह रहा था। इन तीनों को शुक्रवार (16 जुलाई, 2021) की रात गिरफ्तार किया गया। इन्हें सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ लाया गया। अगले दिन मध्य रात्रि में तीनों लखनऊ पहुँचे। 30 वर्षीय ग्रेजुएट एडम इस गिरोह की बड़ी कड़ी है, जिसकी बीवी माई हसन अली इजिप्ट की रहने वाली है।
ADG L&O UP, Prashant kumar on the arrest of three accused from Nagpur, Maharashtra by UP ATS in the religious conversion racket run by Umar Gautam. pic.twitter.com/YUywXopgM9
— UP POLICE (@Uppolice) July 17, 2021
वो महाराष्ट्र में धर्मांतरण गिरोह का काम देखने के साथ-साथ अपने अन्य साथियों से भी जुड़ा हुआ था। मध्य एशिया के कई मुस्लिम बहुल मुल्कों में इनका तगड़ा नेटवर्क है, जिसके सहारे ये इस्लामी प्रोपेगंडा के प्रचार-प्रसार में लगे थे। वहीं 51 वर्षीय कौसर आलम बीज का व्यापार करता है। उमर और कौसर पुराने परिचित हैं। बीज व्यापार की आड़ में वो महाराष्ट्र व कर्नाटक में गिरोह का कामकाज देख रहा था।
उमर गौतम द्वारा दिल्ली में ‘रिवर्ट गेट टुगेदर’ के वार्षिक कार्यक्रम आयोजित करता रहा है, जिसमें एडम और अर्सलान के साथ कौसर भी 2018 से ही हिस्सा ले रहा था। वहीं चामोसी निवासी डॉक्टर अर्सलान हिजामा थेरेपी (Vacuum Cupping) का विशेषज्ञ है। इसके जरिए शरीर से टॉक्सिन्स निकाले जाते हैं। वो धर्मांतरण गिरोह की फंडिंग का काम देख रहा था। इस मामले में सलाउद्दीन, इरफान शेख, राहुल भोला और मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान पहले से ही जेल में हैं।