नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामलों में खासी कमी आई है लेकिन इससे संक्रमित लोगों को कई तरह की अन्य मेडिकल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए यह बताया गया कि हाल ही में कोरोना (COVID-19) से संक्रमित मरीजों में तपेदिक (टीबी) के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है, जिससे रोजाना करीब दर्जनभर इसी तरह के मामले सामने आने से डॉक्टर भी चिंतित हैं.
इसके अलावा, TB-COVID और TB-ILI/SARI की द्वि-दिशात्मक जांच (Bi-directional screening) की आवश्यकता को दोहराते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कई सलाह और मार्गदर्शन भी जारी किए गए हैं. कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसे लागू भी कर रहे हैं.
क्या कोरोना की वजह से TB में हुई वृद्धि
कोरोना महामारी की वजह से कई पाबंदियों की वजह से, 2020 में टीबी के लिए केस नोटिफिकेशन में करीब 25% की कमी आई थी, लेकिन सभी राज्यों द्वारा समुदाय में ओपीडी सेटिंग्स में गहन केस फाइंडिंग के साथ-साथ एक्टिव केस फाइंडिंग अभियानों के माध्यम से इस प्रभाव को कम करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.
इसके अलावा, वर्तमान में यह बताने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि कोरोना के कारण टीबी के मामलों में वृद्धि हुई है या केस खोजने के प्रयासों में वृद्धि के कारण टीबी के मामलों में वृद्धि हुई है.
टीबी (तपेदिक) और कोरोना की दोहरी मोर्बिडीटी को इस तथ्य के माध्यम से और अधिक उजागर किया जा सकता है कि दोनों रोगों को संक्रामक माना जाता है और खासतौर से फेफड़ों पर हमला करते हैं. खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई के समान लक्षण पेश करते हैं.