पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले सेना के 2 जवानों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस को अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने इस संबंध में मंगलवार (6 जुलाई 2021) को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी और उन्हें जानकारी लीक करने के आरोप में पंजाब पुलिस ने सेना के 2 जवानों को गिरफ्तार किया है। भारतीय सेना के कामकाज और तैनाती से संबंधित गोपनीय दस्तावेज उनके पास से बरामद किए गए हैं। आरोपितों ने आईएसआई के साथ 900 गोपनीय दस्तावेज साझा किए।”
2 Army personnel arrested by Punjab police for spying, leaking information to Pakistan’s ISI. Confidential documents related to the functioning & deployment of Indian Army recovered. Accused shared 900 classified documents with ISI operatives: DGP Punjab
— ANI (@ANI) July 6, 2021
कौन है 2 सेना के जवान
रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरफ्तार किए गए जवानों में से एक की पहचान सिपाही हरप्रीत सिंह (23) के रूप में हुई है। वह अमृतसर के चीचा गाँव का रहने वाला है और अनंतनाग में तैनात था। वह 2017 में भारतीय सेना में शामिल हुआ था और 19 राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़ा था।
इसके अलावा दूसरा आरोपित तरनतारन के पुनियान गाँव का रहने वाला है। उसकी पहचान सिपाही गुरभेज सिंह (23) के तौर पर हुई है। वह 18 सिख लाइट इन्फैंट्री से ताल्लुक रखता है और कारगिल में क्लर्क के पद पर कार्यरत था। वह 2015 में भारतीय सेना में शामिल हुआ था।
पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि दोनों आरोपितों (सेना के जवानों) ने फरवरी और मई 2021 के बीच, सिर्फ 4 महीने की अवधि में सीमा पार से ड्रग तस्कर रणवीर सिंह को देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से अधिक वर्गीकृत दस्तावेजों की तस्वीरें पहले ही साझा कर दी थीं। आगे उन्हें पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को सौंप दिया गया।
सेना के जवान कैसे बने ISI के जासूस
जानकारी साझा करते हुए, पंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा कि एसएसपी नवीन सिंगला के नेतृत्व में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने एनडीपीएस मामले की जाँच करते हुए सीमा पार ड्रग तस्कर रणवीर सिंह से भारतीय सेना के कामकाज और तैनाती से संबंधित गोपनीय और गुप्त दस्तावेज बरामद किए थे, जिसे 24 मई 2021 को 70 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा, पूछताछ के दौरान रणवीर ने खुलासा किया कि उन्हें ये दस्तावेज सिपाही हरप्रीत सिंह से मिले थे, जो उसका दोस्त था और वे दोनों एक ही गाँव के हैं।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा, “रणवीर ने सिपाही हरप्रीत सिंह को रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेजों को उसके साथ साझा करने के लिए पैसों का लालच देकर उकसाया, जिसके बाद उसने अपने दोस्त सिपाही गुरभेज को इस राष्ट्र विरोधी जासूसी गतिविधियों में शामिल कर लिया। चूँकि कारगिल में वह 121 इन्फैंट्री ब्रिगेड मुख्यालय में क्लर्क था तो, भारतीय सेना से संबंधित रणनीतिक और सामरिक दोनों तरह की जानकारी वाले दस्तावेजों तक आसानी से प्राप्त कर सकता था।”
डीजीपी ने यह भी बताया कि हरप्रीत से दस्तावेज लेकर रणवीर आगे इन्हें सीधे पाकिस्तान आईएसआई को देता था या फिर उन्हें गोपी के माध्यम से भेजता था। गोपी के बारे में बता दें वह अमृतसर के गाँव डौके का रहने वाला है और उसकी पहचान मुख्य ड्रग तस्कर के रूप में हुई है। उसके पाकिस्तान स्थित ड्रग-तस्करी सिंडिकेट और आईएसआई अधिकारियों से संबंध हैं। जो हमेशा एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं।
रणवीर के खुलासे के बाद, पुलिस ने गोपी को भी गिरफ्तार किया है। जहाँ उसने गोपनीय दस्तावेज हस्तांतरित करने की बात कबूल की है। शुरुआती जाँच के अनुसार डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि हरप्रीत सिंह और गुरभेज सिंह को गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए पैसे का लालच दिया गया था। इनमें रणवीर सिंह पहले हरप्रीत सिंह को पैसे देता था और बाद में ये पैसे हरप्रीत गुरभेज के खाते में ट्रांस्फर करता था।
मामले में एसएसपी नवीन सिंगला का कहना है कि सेना के अधिकारियों ने दोनों आरोपित सैन्यकर्मियों को जालंधर ग्रामीण पुलिस को सौंप दिया है। किसी अन्य आरोपित व्यक्ति की संलिप्तता का पता लगाने के लिए आगे की जाँच की जा रही है। इस बीच, आरोपितों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 124-ए और 120-बी और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3, 5 और 9 के तहत मामला जोड़ा गया है। इस केस में 24 मई को रणवीर के विरुद्ध जालंधर ग्रामीण के पुलिस स्टेशन महतपुर में एनडीपीएस अधिनियम की धारा 21 (बी) / 61/85 के तहत सबसे पहले एफआईआर हुई थी।