नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव (Modi Cabinet Reshuffle) का काउंटडाउन शुरू हो गया है. खबर है कि बुधवार को शाम साढ़े पांच से 6 बजे तक मोदी कैबिनेट में बदलाव संभव है. वहीं इससे पहले राजधानी दिल्ली में नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है जबकि केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को अब राज्यपाल बना दिया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार कई मंत्रियों को बदला जा सकता है. इसी के साथ अनुमान लगाया जा रहा है कि कई ऐसे चेहरे भी होंगे जिन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
इसी बीच शीर्ष स्तर के सूत्रों ने बताया है कि मौजूदा विस्तार और फेरबदल की कवायद का मुख्य जोर यह संदेश देना है कि मोदी सरकार देश के गरीबों, ओबीसी, दलितों और वंचित लोगों की सरकार है. केंद्र सरकार में एमबीए, पीएचडी और पोस्ट ग्रेजुएट्स को लाने पर काफी जोर दिया गया है. केंद्र सरकार के प्रशासनिक कौशल को बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री ने टेक्नोक्रेट्स से संपर्क किया और उन्हें अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया.
25 ओबीसी और युवा चेहरों को जगह!
माना जा रहा है कि इस विस्तार के बाद केंद्र सरकार में 25 ओबीसी मंत्री होंगे, जो सबसे छोटे और सबसे वंचित समुदायों को प्रतिनिधित्व देने की प्रधानमंत्री की इच्छा का प्रमाण है. वहीं इस फेरबदल में कुछ युवा चेहरों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे केंद्र सरकार की औसत आयु में भी बदलाव आएगा. साथ ही सूत्रों का ये भी कहना है कि दलित समुदाय का रिकॉर्ड प्रतिनिधित्व होगा.
यही नहीं, राज्यों में प्रशासनिक अनुभव रखने वाले चेहरों को लाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं. कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में लाया जा रहा है और ऐसे नेताओं को भी जिन्हें राज्य सरकारों में मंत्रियों के रूप में काफी ज्यादा अनुभव है. वहीं आने वाले समय में यूपी में चुनाव हैं. ऐसे में प्रमुख समुदायों और क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व का खास ख्याल रखते हुए उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान दिया गया है.
बढ़ सकती है महिलाओं की संख्या
इस फेरबदल में सबसे खास बात यह सामने आ रही है कि वर्तमान की तुलना में इस फेरबदल के बाद कैबिनेट में महिलाओं की संख्या बढ़ जाएगी. हालांकि तमाम कयासों के बीच, विस्तार ही सही तस्वीर सामने ला सकेगा.