लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करती है परन्तु उन्ही के अधिकारी उनके प्रयासो पर पलीता लगा रहे है। भ्रष्टाचार और घोटाले का नया मामला उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में आया है, जहाँ कोविड -19 उपकरणों की खरीद में तक़रीबन 58 करोड़ रूपये का वारा-न्यारा किया गया है। बिना टेंडर के ही ब्लैक लिस्टेड कंपनी से सीधे खरीद की गयी। शासन स्टार पर 58 करोड़ रूपये की खुली खरीद की गयी। शासन ने सीधे एक प्राइवेट कंपनी से खरीद की और कंपनी को 58 करोड़ के उपकरण की सप्लाई का आर्डर दे दिया।
कोविड महामारी के दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आपदा में अवसर तलाश कर करोड़ो रूपये का घोटाला कर डाला। नियमों में ढील दे कर 2 से 4 गुना दामों में उपकरण खरीदे गए। बिना किसी टेंडर के विभाग में ब्लैक लिस्टेड कंपनी से उपकरणों की सीधी खरीद कर सरकार को करोड़ो का चुना लगाया गया। 10 लाख का वेंटिलेंटर 22 लाख में, 14 लाख की RT-PCR मशीन 49 लाख में और बच्चों के लिए बने P-ICU में भारी घपला किया गया।
प्रमुख सचिव अलोक कुमार ने खरीद के आदेश दिए थे। उपकरणों की खरीद में घोटाला सामने आने पर जाँच के आदेश दिए गए लेकिन उस आदेश पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी और घोटाला करने वाले मौज कर रहे है।