पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में चार साल तक जेल में बंद रहने के बाद लाहौर हाई कोर्ट से बरी युवक को एक पुलिसकर्मी ने चाकू मारकर हत्या कर दी। हत्या करने वाले 21 वर्षीय पुलिसकर्मी अब्दुल कादिर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बता दें कि मोहम्मद वकास नाम के युवक को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस पर अदालत में 2016 से मुकदमा चल रहा था। उस पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वाले कंटेंट को ऑनलाइन शेयर करने का आरोप लगाया गया था। 2020 में लाहौर हाई कोर्ट ने वकास को दोष मुक्त कर दिया।
आमतौर पर ईशनिंदा के आरोपितों को जान का खतरा बना रहता है, इसीलिए वकास भी जेल से छूटने के बाद एक साल तक अपने घर नहीं पहुँचा। कुछ हफ्ते पहले ही वह अपने घर आया था। पुलिसकर्मी अब्दुल कादिर ने मोहम्मद वकास को बरी किए जाने के फैसले का विरोध किया और पंजाब प्रांत के रहीम यार खान शहर में देर रात उस पर चाकू से हमला कर दिया।
पुलिस अधिकारी राणा मुहम्मद अशरफ ने AFP को बताया, “वह पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के आरोपों को लेकर 2016 से ही उसे मारने की योजना बना रहा था।” पुलिस प्रवक्ता अहमद नवाज ने घटना की पुष्टि की और कहा कि हमले में पीड़ित का भाई भी घायल हुआ है। नवाज ने बताया कि हमले को अंजाम देने के बाद कॉन्स्टेबल ने स्वेच्छा से खुद को पुलिस के हवाले कर दिया।
गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान की एक आतंक रोधी अदालत ने पिछले साल पूर्वी पंजाब प्रांत में ईशनिंदा के आरोपों पर अपने बैंक मैनेजर की हत्या करने के जुर्म में एक पूर्व सुरक्षा गार्ड को मौत की सजा सुनाई है। लाहौर से करीब 190 किलोमीटर दूर सरगोधा शहर की अदालत ने अहमद नवाज को सजा-ए-मौत सुनाते हुए उस पर 6 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
उल्लेखनीय है कि पाक के कानून में ईशनिंदा के दोषी को मृत्यु दंड तक की सजा का प्रविधान है। पाकिस्तान में ईशनिंदा के कड़े कानूनों की मानवाधिकार संगठनों के द्वारा भी निंदा की गई है। इन कानून का अल्पसंख्यकों को फँसाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। कट्टरपंथी ईशनिंदा के आरोपित को खुद ही मारने के लिए आमादा हो जाते हैं। 2020 में ऐसे ही पाकिस्तान मूल के अमेरिकी नागरिक ताहिर नसीम की पेशावर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस पर ईशनिंदा का आरोप था।