लखनऊ। हाल ही में उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। रैकेट से जुड़े आरोपितों से पूछताछ में ये बात सामने आई है कि धर्मांतरण कराने वाले मोहम्मद उमर गौतम और काजी जहाँगीर ने सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान भी 300 से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया।
जाँच में ये भी बात सामने आई कि लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने के लिए उमर गौतम ने एक-एक दिन में कई-कई सभाएँ कीं। इन सभाओं में लोगों से कहा गया कि CAA और NRC को हटाना है तो इस्लाम को मजबूत बनाना होगा।
300+ लोगों का धर्म परिवर्तन
जानकारी के मुताबिक, एटीएस धर्म परिवर्तन के मामले में सख्ती से जाँच कर रही है। एजेंसी को पूछताछ में पता चला कि पिछले साल सीएए-एनआरसी का विरोध करने वालों में बहुत सारे लोग दूसरे धर्म के भी थे। उन्हीं को उमर गौतम की संस्था आईडीसी (इस्लामिक दावा सेंटर) ने टारगेट किया। उस दौरान उमर ने एक-एक दिन में 10 से 12 सभाएँ कीं। उसने लोगों को बताया कि अगर उन्हें सीएए-एनआरसी का कानून रोकना है तो इस्लाम को मजबूती देनी होगी।
इसके साथ ही सभाओं में मौजूद लोगों को ये समझाया जा रहा था कि इस्लाम कुबूल करने में उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से बेशुमार ताकत मिलेगी। मोहम्मद उमर गौतम की इस तरह की सभाओं का असर भी दिखा। यही वह वक्त था, जब सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे लोगों ने भी इस्लाम कुबूल अपना लिया था। इस जाँच में अभी तक 300 से ज्यादा लोगों के धर्म परिवर्तन की खबरें सामने आई हैं।
विदेशों से फंडिंग
गौरतलब है कि एटीएस ने हाल ही में अवैध धर्मांतरण मामले में पिछले दिनों एक और आरोपित सलाहुद्दीन शेख को वडोदरा से गिरफ्तार किया था। वह वडोदरा का रहने वाला है और धर्मांतरण गिरोह के सरगना मौलाना मोहम्मद उमर गौतम का खास सहयोगी रहा है। आरोप है कि सलाहुद्दीन ने उमर गौतम के खाते में बड़ी रकम ट्रांसफर की थी। सलाहुद्दीन ने स्वीकार किया कि वह उमर गौतम को जानता है और धर्मांतरण के लिए उसने हवाला के जरिए पैसे भेजे थे। सलाहुद्दीन के कब्जे से एटीएस ने एक आईपैड और एक मोबाइल फोन बरामद किया है।
FCRA के अनुसार 2016-21 के दौरान सलाहुद्दीन शेख के एनजीओ को लगभग 10 करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग मिली। देश गुजरात की रिपोर्ट के अनुसार, शेख के संगठन AFMI को 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान क्रमशः 1.62 करोड़, 1.4 करोड़, 2.75 करोड़ रुपए और 4 करोड़ रुपए की फंडिंग प्राप्त हुई। हालाँकि, अभी 2020-21 के आँकड़े प्राप्त नहीं हो सके हैं।
अधिकांश फंड यूके और अमेरिका के संगठनों से प्राप्त हुए हैं। इनमें यूके के जुलेखा जिंगा फाउंडेशन, मजिलिस अल फतह ट्रस्ट, फ़िरदौस फाउंडेशन, इखार विलेज वेल्फेयर ट्रस्ट, नॉर्थ वेस्ट रिलीफ़ ट्रस्ट और गुजराती मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ अमेरिका शामिल हैं।
जाँच एजेंसी अब तक पकड़े गए आरोपितों से मिली जानकारियों के आधार पर धर्मांतरण गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों तक पहुँचने का प्रयास कर रही है। इसके लिए कई जिलों में लगातार छानबीन की जा रही है। हवाला नेटवर्क से जुड़े कुछ लोगों की भी तलाश की जा रही है। एटीएस जल्द कुछ अन्य गिरफ्तारियाँ कर सकती है।