उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है. इसी के साथ उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से जारी सियासी हलचल का क्लाइमेक्स आ गया है. राज्य को एक बार फिर नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है. इस सिलसिले में दोपहर तीन बजे बीजेपी विधायक दल की अहम बैठक करने जा रही है. बीजेपी विधायक दल की बैठक में वर्तमान विधायकों में से ही किसी को विधायक दल का नेता चुना जाएगा. इस बैठक में उत्तराखंड के नए सीएम को लेकर ऐलान होगा और आज ही शपथग्रहण होगा.
बताया जा रहा है कि डीडीहाट विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष रहे बिशन सिंह चुफाल या फिर त्रिवेंद्र सिंह रावत में से कोई एक उत्तराखंड का नया सीएम हो सकता है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में सीएम पद से इस्तीफा दिया था.
क्या बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत?
इस बीच उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अगर उन्होंने (तीरथ सिंह रावत) इस्तीफा नहीं दिया होता, तो इससे संवैधानिक संकट पैदा हो जाता. कुछ राज्यों में, कोविड के कारण उपचुनाव में देरी हुई. परिस्थितियों ने इस स्थिति को जन्म दिया है. आज की विधानसभा बैठक में नेता चुना जाएगा.
दोपहर तीन बजे बुलाई गई बैठक
मुख्यमंत्री रावत के इस्तीफे के बाद बीजेपी विधायक दल की बैठक देहरादून में दोपहर तीन बजे बुलाई गई है. यह बैठक पार्टी हेडक्वार्टर में होगी. बीजेपी के मीडिया इंचार्ज मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि इस बैठक का नेतृत्व उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष मदन कौशिक करेंगे. बैठक में सभी विधायकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. पार्टी ने निर्देश दिए हैं कि राज्य के सभी बीजेपी विधायक देहरादून में मौजूद रहें. वहीं, विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पर्यवेक्षक बनाया गया है.
पर्यवेक्षक देहरादून पहुंचे
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व बीजेपी महासचिव डी पुरंदेश्वरी को बीजेपी की तरफ से पर्यवेक्षक बनाया गया है. ये लोग देहरादून पहुंच गए हैं. इनके साथ प्रभारी दुष्यंत गौतम व सह प्रभारी रेखा वर्मा भी देहरादून पहुंचे हैं. सभी की बीजापुर गेस्ट हाउस देहरादून में बैठक होगी.
इन नामों की थी चर्चा..
नये सीएम की रेस में इससे पहले दो-तीन नाम थे. कहा गया कि राजपूत या फिर सिंह जाति से ही अगला सीएम होगा. ऐसे में सतपाल सिंह और धनसिंह रावत के नामों पर चर्चा होने लगी. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब दोनों के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सामने आए हों. पहले भी इनके नामों की चर्चाएं होती रही हैं, लेकिन उस समय पार्टी आलाकमान ने दूसरों को मौका देना ठीक समझा. इस बार भी ऐसा होता नजर आ सकता है.
तीरथ सिंह रावत की बात करें तो उनके इस्तीफे से जुड़ी खबरें तो काफी पहले ही जोर पकड़ने लगी थीं, राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट थी कि उत्तराखंड में फिर सीएम परिवर्तन हो सकता है. लेकिन जैसे ही तीरथ सिंह की तरफ से जेपी नड्डा को इस्तीफे वाला पत्र भेजा गया, स्थिति साफ हो गई और तीरथ का जाना तय माना गया. आखिरकार देर रात तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. उन्होंने इस्तीफा देने के बाद ज्यादा कुछ नहीं बोला. वे सिर्फ कहते सुनाई दिए कि संवैधानिक संकट खड़ा ना हो, इसलिए इस्तीफा दे दिया.