नई दिल्ली। राफेल सौदे को लेकर जांच के लिए फ्रांस में एक जज की नियुक्ति की गई है. फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विसेज की फाइनेंशियल क्राइम ब्रांच (PNF) ने कहा कि इस सौदे को लेकर लगाए गए भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप की जांच की जाएगी.
शुक्रवार को फ्रेंच पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने बताया कि 14 जून को एक मजिस्ट्रेट द्वारा मामले की आपराधिक जांच शुरू की गई थी. जांच में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद जो राफेल सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने के समय पद पर थे, और वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जो उस समय वित्त मंत्री थे उनके कामकाज को लेकर भी सवाल किए जाएंगे. तत्कालीन रक्षा मंत्री और अब फ्रांस के विदेशी मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियान से भी जुड़ी चीजों को लेकर पूछताछ हो सकती है.
डसॉल्ट एविएशन की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. इससे पहले कंपनी कंपनी की तरफ से इस बात को लेकर इनकार किया गया था कि इंडो-फ्रेंच डील में कोई धांधली हुई है.कंपनी का कहना था कि आधिकारिक संगठनों द्वारा कई नियंत्रण किए जाते हैं. कोई भारत के साथ 36 राफेल को लेकर हुई डील में कोई भी धांधली नहीं हुई थी.
वास्तविक अनुबंध में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) हालांकि बाद में दोनों पक्षों के बीच बातचीत टूट गई थी. बाद में दोनों देशों के बीच 2016 में डील साइन की गई थी जिसके तहत 36 राफेल विमान 7.8 बिलियन यूरो के दाम पर तय किए गए थे.