लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते पिछले साल लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों की वापसी ने कई राज्यों की चिंता बढ़ा दी थी। ऐसे समय में योगी सरकार ने इस स्थिति को जिस तरह सँभाला उसकी जानकारी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सराहना की है।
प्रवासी मजदूरों की स्थिति से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार द्वारा दायर एक विस्तृत हलफनामे का हवाला दिया। इसमें बताया गया था कि योगी सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए क्या-क्या कदम उठाए। सबसे पहले उस पंजीकरण व्यवस्था के बारे में बताया गया जिसमें राज्य में लौटे सभी मजदूरों को रजिस्टर कर उन्हें चिह्नित किया गया। इसके बाद उस पोर्टल का जिक्र है जिसपर सभी श्रमिकों के विवरण अपलोड होने हैं और उन्हें राहत दी जानी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यूपी ने राज्य में ऐसे प्रवासी कामगारों के पंजीकरण की एक मजबूत प्रणाली बनाई जो कि उनके राज्य में आने को लेकर है। इस बारे में दिनांक 22 मई 2021 को दिए गए हलफनामे में विस्तृत ब्यौरा दिया गया है। रिलीफ कमिश्नर की वेबसाइट http://www.rahat.up.nic.in पर एक पोर्टल बनाया गया है, जिस पर सभी प्रवासी श्रमिकों के जुड़ी सभी जानकारी उनसे जुड़े वास्तविक समय में अपलोड की गई।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, उत्तर प्रदेश के प्रशिक्षण और रोजगार निदेशक के पास उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार, पूरी कोरोना महामारी की अवधि के दौरान 37,84,255 प्रवासी श्रमिक अपने मूल स्थानों पर लौट आए हैं। उनकी स्किल मैपिंग का काम पूरा हो चुका है और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की विभिन्न योजनाओं में 10,44,710 मजदूरों को पहले ही रोजगार दिया जा चुका है।
कोर्ट ने पेश किए आँकड़ों पर कहा कि 8 जून 2021 तक उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार 3,79,220 प्रवासी श्रमिकों का विवरण/डेटा पंजीकृत किया गया है और उनके कौशल को 1 अप्रैल 2021 से पोर्टल rahat.up.nic.in पर मैप किया गया है।
इसमें यह भी कहा गया कि सभी पात्र व्यक्तियों को निर्वाह भत्ता प्रदान करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल द्वारा 15 मई 2021 को लिए गए फैसले का लाभ उठाने के लिए पंजीकृत श्रमिकों के अलावा अन्य श्रमिकों की पहचान करने के लिए भी rahat.up.nic.in पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है और उन्हें हर महीने 1000 रुपए हर महीने सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है।
बता दें कि साल 2020 में लॉकडाउन लगने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार कह चुके हैं कि श्रमिकों की आजीविका उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अभी पिछले दिनों योगी सरकार ने श्रमिकों को 230 करोड़ रुपए की सौगात दी थी। प्रदेश के 23.2 लाख पंजीकृत श्रमिकों के खाते में भरण पोषण भत्ते के तौर पर सीएम योगी द्वारा 1000-1000 रुपए ट्रांसफर किए थे। इस दौरान सरकारी आवास पर एक कार्यक्रम में सीएम ने 5 श्रमिकों को खुद ये धनराशि दी। वहीं बाकियों से फोन कॉल के जरिए बात की थी।