मुंबई। कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर को लेकर देशभर के माता-पिता काफी डरे हुए हैं. दरअसल, कई एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि अगली लहर में बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना वायरस से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन हाल ही में करवाए गए सीरो सर्वे में सामने आया है कि मुंबई के रहने वाले 50 फीसदी से अधिक बच्चों में एंटीबॉडी मौजूद हैं. शहर के बच्चों पर किया गया यह सीरो सर्वे बीवाईएल नायर अस्पताल और कस्तूरबा मॉलेकुलर डायग्नॉस्टिक लैब ने किया है.
महाराष्ट्र में कुछ हफ्तों के बाद कोविड की तीसरी लहर की आशंका जताई गई है. कहा गया है कि इस लहर में बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल और एडिश्नल म्युनिसिपल कमिश्नर (पश्चिमी उपनगर) सुरेश ककानी ने दूसरी लहर के दौरान ही बच्चों का सीरो सर्वे करने का निर्देश दिया था.
यह सीरो सर्वे एक अप्रैल, 2021 से 15 जून, 2021 के दौरान किया गया था. ब्लड सैंपल्स विभिन्न चिकित्सा जांच के लिए लैब्स में आए नमूनों में से उपलब्ध करवाया गया था. मुंबई के 24 वार्डों की पैथोलॉजी लैब्स से कुल 2,176 ब्लड सैंपल्स इकट्ठे किए गए थे. इसमें बीएमसी के आपली चिकित्सा नेटवर्क और नायर अस्पताल से 1,283 और दो निजी लैब्स के नेटवर्क से 893 शामिल हैं.
इस सर्वे में मुख्य तौर पर पाया गया कि शहर की 50 फीसदी से अधिक बच्चों की आबादी पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी है. प्राइवेट सेक्टर से 47.03% और पब्लिक सेक्टर से 54.36% समेत ओवर-ऑल सीरो पॉजिटिविटी रेट 51.18 फीसदी है. वहीं, सीरो पॉजिटिविटी 10-14 साल की उम्र वालों में सबसे अधिक है जो कि 53.43 फीसदी है.
वहीं, एक से 4 साल का सीरो-पॉजिटिविटी रेट 51.04%, 5 से 9 साल का 47.33%, 10 से 14 साल की उम्र वालों का 53.43%, 15 से 18 साल का 51.39% है. इसके अलावा, एक से 18 वर्ष का ओवर-ऑल पॉजिटिविटी रेट 51.18% है.
मालूम हो कि महाराष्ट्र कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में से एक रहा है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान, राज्य में 60 हजार से ज्यादा दैनिक मामले तक पाए जा चुके हैं. हालांकि, अब यह संख्या कम होते-होते तकरीबन 10 हजार पर आ गई है.