लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन खरीद के घोटाले के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पर मीटिंग कर रहे हैं. इस मीटिंग में अयोध्या में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की जाएगी. कोरोना संक्रमण की वजह से ये मीटिंग वर्चुअली ही हो रही है, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल हैं. इस मीटिंग में मोदी के सामने अयोध्या का विजन डॉक्यूटमेंट रखा जाएगा.
मीटिंग में कौन-कौन शामिल?
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही इस मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने आवास पंच कालिदास से जुड़े हैं. उनके अलावा प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी इस मीटिंग में मौजूद हैं.
इनके अलावा वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, सिंचाई मंत्री महेंद्र सिंह, अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह भी बैठक में मौजूद हैं. साथ ही चीफ सेक्रेटरी, पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव, नगर विकास के अपर मुख्य सचिव समेत कई विभागों के अधिकारी भी जुड़े हैं.
मीटिंग में क्या होगा?
बैठक में आवास विकास के प्रमुख सचिव अयोध्या को लेकर विजन डॉक्यूमेंट पेश करेंगे. इसमें बताया जाएगा कि अब तक कितने विकास कार्य पूरे हो चुके हैं और किन कामों पर भविष्य में काम होने जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, बैठक के दौरान अयोध्या के सौंदर्यीकरण पर विस्तार से बात होने जा रही है. साथ ही अयोध्या में बनने जा रही भगवान राम की प्रतिमा को लेकर भी चर्चा होने वाली है. कई ऐसी परियोजनाएं हैं जिनके जरिए अयोध्या को हेरिटेज सिटी बनाने पर जोर रहा है. ऐसे में विजन प्रेजेंटेशन के दौरान उस पहलू पर बातचीत होते हुए भी दिख सकती है.
जानकारी के मुताबिक, अयोध्या के विकास का जो खांका तैयार किया गया है, वो अगले 100 साल की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी आज अगले 30 साल का प्लान ही देखेंगे. अयोध्या के लिए डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 20 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट तैयार किए हैं. इन्हीं प्रोजेक्ट पर पीएम मोदी अफसरों से चर्चा करेंगे. बताया जा रहा है कि पीएम इन प्रोजेक्ट के डिजिटल मॉडल को भी देखेंगे, जिनका प्रेजेंटेशन उनके सामने किया जाएगा.