टिकरी सीमा पर ‘किसान आंदोलन’ में मुकेश नाम के किसान को शराब पिला कर ज़िंदा जला दिया गया, ताकि उसे ‘शहीद’ बनाया जा सके। मुकेश की मौत के बाद हरियाणा के झज्जर स्थित बहादुरगढ़ के कसार गाँव में पंचायत हुई, जिसमें रोहतक लोकसभा क्षेत्र से सांसद अरविंद कुमार शर्मा भी मौजूद थे। पंचायत में मुकेश मुदगिल का बेटा राहुल भी पहुँच गया और सीधे सांसद के सामने बैठ गया। उसकी उम्र मात्र 9 साल है।
राहुल ने पंचायत से कहा, “आज फादर्स डे है। सभी बच्चे अपने पापा को याद कर रहे हैं। मुझे भी आज मेरे पापा की याद सता रही है। मेरे पापा ने कभी मुझे नहीं डाँटा। मैंने कभी उन्हें किसी से झगड़ा करते हुए नहीं देखा। आप बस इसका जवाब दे दो कि मेरे पापा को क्यों जलाया?” पंचायत में सन्नाटे के बीच सांसद शर्मा ने आश्वासन दिया कि दोषियों को सज़ा मिलेगी।
उन्होंने सरकार से जवाब माँगा कि किसके कहने पर इतनी बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों को हमारे घरों के सामने बिठा दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों की वेश में जब गुंडे गाँव के महिला-पुरुषों को तंग करेंगे तो विवाद होगा ही। ग्रामीणों ने उन अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया, जिन्होंने आंदोलनकारियों की आड़ में अपराधियों को मुफ्त बिजली-पानी व अन्य सुविधाएँ दी। उनकी भी जाँच की माँग की गई।
पंचायत ने आंदोलनकारियों को बहादुरगढ़ से हटाने, मुकेश हत्याकांड सहित ‘किसान आंदोलन’ में हुई आपराधिक वारदातों की CBI जाँच कराने और मृतकों के परिजनों/गवाहों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के अलावा मुकेश के परिजनों में से किसी को सरकारी नौकरी देने की माँग सरकार के समक्ष रखी। सांसद ने इन मामलों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करने का आश्वासन दिया। उधर इस मामले के मुख्य कृष्ण को जेल भेज दिया गया है।
झज्जर के एसपी राजेश दुग्गल ने कहा है कि इस घटना की जाँच के लिए SIT बनाई गई है, जिसका नेतृत्व झज्जर के DSP नरेश कुमार कर रहे हैं। ये SIT 42 वर्षीय मुकेश की मौत की जाँच करेगी। किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में एसपी से मुलाकात की, जिन्होंने त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। वहीं कथित किसान नेता दर्शन पाल ने मुकेश के आत्महत्या करने की बात
उधर हरियाणा में ‘भारतीय किसान यूनियन (अंबावता)’ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल ने कहा कि 10 जुलाई को गाजीपुर सीमा पर एकत्रित होकर किसान दिल्ली की तरफ से हरिद्वार कूच करेंगे। राष्ट्रपति को ज्ञापन देने के साथ ही उत्तराखंड में भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार करने की योजना भी बनी है। उधर BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को फिर से धमकाया है। उन्होंने कहा कि सरकार मानने वाली नहीं है, इसीलिए ‘इलाज’ करना पड़ेगा।
Haryana: Mahapanchayat underway at Sersa, Sonipat. People from 12 Delhi villages & 17 Haryana villages also here
They say, “We’ve 3 demands -open Singhu border from one side, there should be no violence & protesters should not put up barricades. We’ll meet Central & State govts” pic.twitter.com/4iHI2mnNel
— ANI (@ANI) June 20, 2021
टिकैत ने किसानों को अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ तैयार रहने की भी सलाह दी। उन्होंने ‘जमीन बचाने’ के लिए आंदोलन की बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपने मन से ये ग़लतफ़हमी निकाल दे कि किसान वापस जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किए जाते और MSP पर कानून नहीं बनता, किसान नहीं लौटेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कह चुके हैं कि भारत सरकार अब भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।
उधर हरियाणा के सोनीपत स्थित सिरसा में भी किसानों की महापंचायत हुई। दिल्ली के 12 और हरियाणा के 17 गाँवों के लोग वहाँ पर पहुँचे। उन्होंने एक तरफ से सिंघु बॉर्डर खोलने की माँग करते हुए कहा कि हिंसा नहीं होनी चाहिए और प्रदर्शनकारियों को बैरियर भी नहीं लगाना है। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार से मुलाकात की भी बात कही गई। उधर सांसद अरविंद शर्मा ने भी ग्रामीणों की CBI जाँच की माँग का समर्थन किया।
बता दें कि महापंचायत में ‘किसान’ प्रदर्शनकारियों को अल्टीमेटम दिया गया है कि वह 10 दिन के अंदर सिंघु बॉर्डर को खाली करें। ऑपइंडिया ने ही पहली बार इस बात को उजागर किया कि ‘किसान’ आंदोलन के ‘किसान’ ब्राह्मण विरोधी मानसिकता वाले हैं और मुकेश की जान भी इसी मानसिकता ने ली। ग्रामीणों का कहना है कि ये किसान उनके खेतों में शौच के लिए आते हैं, जिससे महिलाओं को परेशानी होती है। ये गाँव में आकर शराब पीकर हुड़दंग करते हैं और महिलाओं से छेड़खानी करते हैं।